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इज़रायल शांति की राह पर नहीं है बल्कि युद्ध को आगे बढ़ाना चाहता है: क़तर के समर्थन में उतरा तुर्की

क़तर की राजधानी दोहा में हमास प्रतिनिधिमंडल को निशाना बनाकर किए गए इज़रायली हमले ने पूरे पश्चिम एशिया में भूचाल ला दिया है।

क़तर और तुर्की दोनों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे न केवल “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” बल्कि “क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा पर सीधा हमला” बताया है।

क़तर के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इस हमले को “कायराना और आपराधिक” करार दिया। मंत्रालय के अनुसार, हमला उस आवासीय परिसर पर हुआ जहाँ हमास राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य रह रहे थे।

यह हमला सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का खुला उल्लंघन है और क़तरियों व वहाँ रहने वाले निवासियों की सुरक्षा और शांति के लिए बड़ा खतरा है।”

मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की कि सुरक्षा एजेंसियों और सिविल डिफ़ेंस ने तुरंत मौके पर पहुँचकर स्थिति को नियंत्रण में किया। क़तर ने साफ किया कि वह अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेगा और उच्च स्तर पर जाँच जारी है।

तुर्की ने भी इज़रायल की इस कार्रवाई की तीखी आलोचना की। तुर्की विदेश मंत्रालय ने कहा कि वार्ता के दौरान हमास प्रतिनिधिमंडल पर हमला यह साबित करता है कि इज़रायल शांति की राह पर नहीं बल्कि युद्ध को और आगे बढ़ाना चाहता है।

इस हमले से यह भी स्पष्ट हो गया कि इज़रायल अपनी विस्तारवादी नीतियों को आगे बढ़ाने और आतंकवाद को आधिकारिक नीति बनाने पर उतारू है।

तुर्की ने क़तर के साथ एकजुटता जताते हुए कहा कि वह इस “घृणित हमले” के खिलाफ क़तर के साथ खड़ा है। मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि इज़रायल पर दबाव बनाया जाए ताकि वह फ़िलिस्तीन और क्षेत्र पर जारी आक्रामकता को रोके।

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