वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने केंद्र सरकार की उन धाराओं को खारिज कर दिया जिन्हें संविधान विरोधी माना जा रहा था। फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने इसे लोकतंत्र और संविधान की जीत बताया है।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय के इस फैसले ने साबित कर दिया है कि देश में संविधान सबसे ऊपर है और उसकी जड़ों को कोई हिला नहीं सकता। अदालत ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कई महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुख्य बिंदु:
- वक्फ बोर्ड का सीईओ केवल मुस्लिम ही होगा।
 - राज्य वक्फ बोर्ड में तीन से ज़्यादा गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे, वहीं सेंट्रल वक्फ बोर्ड में यह संख्या चार से अधिक नहीं होगी।
 - किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने के लिए “पाँच साल से मुस्लिम होना अनिवार्य” वाली शर्त को समाप्त कर दिया गया है।
 
कांग्रेस ने कहा कि पार्टी ने सड़क से लेकर संसद तक इस कानून का विरोध किया था और मोदी सरकार की साजिश अंततः सुप्रीम कोर्ट में नाकाम हो गई।
पार्टी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र और संविधान की ऐतिहासिक जीत है।

