अगले साल होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी। ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलीमिन (एआईएमआईएम) ने भी नगर निगम चुनाव को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की।
एआईएमआईएम द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को औरंगाबाद से मजलिस के सांसद एवं दिल्ली इंचार्ज इम्तियाज जलील ने संबोधित किया तथा दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ने का ऐलान किया।
एआईएमआईएम सांसद ने कहा कि दिल्ली की आप सरकार ने दिल्ली की जनता को हर स्तर पर निराश किया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल उन नारों और वादों में विफल रहे हैं जिनके साथ वह राजनीति में आए और जिन उम्मीदों के साथ लोगों ने उन्हें सत्ता सौंपी थी।
जनता ने कांग्रेस की वंशवाद आधरित राजनीति , बीजेपी की सम्प्रदायिकता वाली राजनीति से तंग आकर आप पर भरोसा किया था लेकिन उसका विश्वास बुरी तरह से टूटा है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने खुशी-खुशी और अधिक शक्तियां खो दीं।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर ढुलमुल पक्षपाती रवैया भी वर्तमान सरकार की नीति बन गया है। केजरीवाल सरकार ने लोगों की सुरक्षा और बेरोजगारी दूर करने के लिए कुछ भी नहीं किया। किसान आंदोलन पर उनकी पाखंडी मानसिकता का पर्दाफाश हो गया है। अल्पसंख्यक संस्थानों को चापलूस और और नाकारा अक्षमों को सौंप दिया है।
दिल्ली दंगों से हिंदू-मुस्लिम भाईचारा प्रभावित हुआ है। मुस्लिम और सिख समेत तमाम अल्पसंख्यक निराश हैं। दूसरी तरफ बीजेपी ने दिल्ली के तीनों निगमों में घोटालों का बाजार गर्म कर दिया है।
स्वास्थ्य और साफ-सफाई का बुरा हाल है. दरअसल, दोनों पार्टियां एक ही सिक्के के दो रूख हैं। आप बीजेपी की ‘बी टीम’ है जो संघ के उद्देश्य पूरा कर रही है।
मजलिस भारतीय संविधान की सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है इसीलिए वह समाज के हर पिछड़े और मजलूम की आवाज उठाती है।इस सवाल के जवाब में कि मजलिस की उपस्थिति से भाजपा को मजबूती मिलेगी। इम्तियाज जलील ने कहा कि यह गलतफहमी फैलाई गई है तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल जो मुसलमानों को अपना बंधुआ वोट मानते हैं वह नहीं चाहते देश के पिछड़े लोगो मुस्लिमों दलितों को उनका हक मिले।
उन्होंने पूछा कि जहां मजलिस नहीं है वहां भाजपा की सरकारें किसने बनाई हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि गैर-भाजपा सरकारो ने अब तक मुसलमानों को धोके के अलावा कुछ नही दिया।
इम्तियाज जलील ने कहा कि आजादी के बाद मुसलमानों की सबसे बड़ी गलती व्यावहारिक राजनीति से मुंह मोड़ लेना है। अब भी समय है कि मुस्लिम और अन्य पिछड़े और उत्पीड़ित वर्ग अपने अधिकारों के लिए मिलकर काम करें।
दलित-मुस्लिम गठबंधन पर सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे दिल के दरवाजे खुले हैं लेकिन मुद्दा आबादी के अनुपात में साझेदारी और बराबरी का होगा।
प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत में एआईएमआईएम दिल्ली अध्यक्ष कलीमुल हफीज पार्टी की चुनावी तैयारियों के बारे में बताया कि मजलिस उन सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी जहां उसकी जीत की संभावना है। हमारे पास मुस्लिम और दलित बहुमत वाली सीटें हैं साथ ही एससी एसटी के लिए सुरक्षित सीट पर उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई जा रही है। वहां से हम मजलिस के चिन्ह पर उसी वर्ग के लोगों को टिकट देंगे और मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन से जीतेंगे।
प्रेस कांफ्रेंस के बाद मजलिस के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई।कार्यकर्ताओं ने दिल्ली प्रभारी का गर्मजोशी से स्वागत किया। मजलिस की संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा की गई और प्रभारी ने निर्देश दिए।
इस दौरान दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से आए दर्जनों गणमान्य व्यक्तियों ने मजलिस में शामिल होकर पार्टी के लिए दिल से काम करने का संकल्प लिया जिनमें राजीव रियाज,उबैद खान ,आकिब कुरैशी ,बदरुद्दीन, मौलाना महमूद ,मौलाना अतीकुर रहमान, शवनाम शेख, अंकित कुमार गौतम,मोहम्मद जावेद ,अमित यादव,मोहम्मद अबरार ,एनए करीमी हाजी इकबाल मलिक ,एडवोकेट रिज़वान ,विनेद कुमार , सिराजुद्दीन , नौशाद शेख आदि प्रमुख हैं।