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भारत राजनीति

जिस वक्त विपक्षी पार्टियों को मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होना चाहिए उस वक्त विपक्षी पार्टियां गाँधी परिवार के खिलाफ एकजुट हो रही है

वर्तमान समय में देश विकट परिस्थितियों से गुज़र रहा है मोदी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हो रही है चाहे वह कोरोना वायरस से लड़ाई हो या फिर महंगाई की समस्या हो।

केन्द्र सरकार की नाकामियों को देखते हुए तमाम विपक्षी पार्टियों को एकजुट होकर मोदी सरकार के विरुद्ध मोर्चाबंदी करनी चाहिए थी लेकिन विपक्ष यहा कुछ और ही खिचड़ी पका रहा है।

हाल ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर 9 प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेताओं की बैठक हुई थी जिसमें देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस की तरफ से कोई नेता शामिल नही हुआ।

शरद पवार द्वारा आयोजित बैठक में समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, लेफ्ट पार्टी, आरएलडी समेत कई मजबूत विपक्षी पार्टियों के नेता मौजूद थे।

इंकबाल की स्पेशल रिपोर्ट के मुताबिक शरद पवार के घर पर आयोजित विपक्षी पार्टियों की बैठक नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाने के लिए नही थी बल्कि यह बैठक गाँधी परिवार के खिलाफ मोर्चाबंदी करने के लिए थी।

इंकलाब की रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक को कांग्रेस पार्टी के जी-23 नेताओं के ग्रुप का भी समर्थन है तथा यह लोग यूपीए गठबंधन को भी तोड़ना चाहते है और नया गठबंधन बनाना चाहते है।

कांग्रेस पार्टी के के जी-23 ग्रूप के लोगों द्वारा ही गाँधी परिवार के खिलाफ मोर्चा बंदी की जा रही है तथा गाँधी परिवार के नेतृत्व को कमज़ोर किया जा रहा है।

बैठक में शामिल आरएलडी नेता शाहिद सिद्दीक से जब इंकलाब के रिपोर्टर ने बात की तो उन्होंने कहा कि यह बैठक नई सोच और नई उम्मीद के लिए बुलाई गई थी जिससे साफ जाहिर होता है कि तमाम विपक्षी पार्टियां कांग्रेस पार्टी के बिना तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी कर रही है।

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