देश में बढ़ती असहिष्णुता और साम्प्रदायिकता को लेकर टीपू सुल्तान पार्टी ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। साथ ही टीपू सुल्तान पार्टी ने मुसलमानों के खिलाफ बढ़ते साम्प्रदायिक हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून की भी मांग की है।
टीपू सुल्तान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर शेख सादेक ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि “टीपू सुल्तान पार्टी ने मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सरकार से सख्त नियम बनाने की मांग की और भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा”
टीपू सुल्तान पार्टी ने मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सरकार से सख्त नियम बनाने की मांग की और भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा।#MuslimsAtrocitiesAct pic.twitter.com/1WQcqQcQCx
— Prof Shaikh Sadeque (@TSP_President) August 11, 2021
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम इस चार पन्नों के ज्ञापन में टीपू सुल्तान पार्टी ने मुसलमानों के खिलाफ बढ़ते साम्प्रदायिक हमलों और मुसलमानों के धार्मिक आज़ादी पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए ‘मुस्लिम्स प्रीवेंशन एटरोसिटीएस एक्ट (Muslims prevention Atrocities Act ) की मांग की है।
चार पन्नों के इस ज्ञापन में लिखा है कि भारत महात्मा गांधी का देश है। अहिंसा के पथ पर चलने वाला देश है। और मुसलमानों के खिलाफ हो रहे हिंसात्मक हमले बेहद चिंताजनक है।
इस चिट्ठी में टीपू सुल्तान पार्टी ने गीता के कुछ श्लोकों का भी ज़िक्र किया है। जिसमें लिखा है कि अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है।
इस ज्ञापन में टीपू सुल्तान पार्टी ने 2014 से लेकर अब तक मुसलमान नौजवानों और धार्मिक स्थलों पर हुए हमलों का भी ज़िक्र किया है। साथ ही लिखा है कि भारत विविधता वाला देश हैं। यहां हर धर्म और नस्ल और जाति के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। यही भारत की खूबसूरती है। लेकिन फिर भी मुसलमानों पर लगातार धार्मिक हमले हुए हैं।