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मणिपुर गैंगरेप मामले में ANI ने चलाई फेक न्यूज़, मुस्लिम युवक को ठहराया घटना का ज़िम्मेदार, मौहम्मद ज़ुबैर के खुलासे के बाद मांगी माफी

मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुई बर्बरता और यौन शोषण की घटना के बाद से आरोपियों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्यवाही करने की मांग उठ रहीं हैं।

इसी कड़ी में देश की सबसे बड़ी न्यूज़ एजेंसी ANI ने इस घटना को लेकर फेंक न्यूज़ चला दी, जिसके बाद कट्टरपंथी राईट विंग ट्रॉल गैंग एक्टिव हो गया तथा मुसलमानों को इस घटना का ज़िम्मेदार ठहराने लगा, जबकि मुसलमानों का इस घटना से दूर दूर तक कोई संबंध नहीं था।

ANI ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से ट्विट करते हुए लिखा कि, मणिपुर की वायरल वीडियो के मामले में पुलिस ने अब्दुल को गिरफ़्तार किया हैं।

पत्रकार स्वाति मिश्रा ने इस मामले पर विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि, मणिपुर पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी किया था जिसमें 7 पॉइंट में अलग-अलग कार्रवाइयों और हालात के बारे में बताया गया था. पुलिस ने प्रेस नोट के दूसरे पॉइंट में बताया कि मणिपुर गैंग रेप मामले में 3 और लोग पकड़े गए यानी अब तक कुल 4 लोग पकड़े गए. प्रेस नोट के चौथे पॉइंट में पुलिस ने प्रेपाक प्रो से जुड़े अब्दुल हिलीम की गिरफ़्तारी के बारे में भी बताया।

चौथे पॉइंट में गैंग रेप का कोई ज़िक्र नहीं था. दोनों पॉइंट में गिरफ़्तारी अलग-अलग ज़िलों के पुलिस स्टेशन के ज़रिए की गई थी, दोनों मामले अलग-अलग हैं. लेकिन ANI ने ट्वीट कर दिया कि मणिपुर वायरल वीडियो मामले में अब्दुल पकड़ा गया।

इस मामले पर जब ऑल्ट न्यूज़ के को फाउंडर मौहम्मद ज़ुबैर ने फैक्ट चेक किया तो पता चला कि ANI ने जिस व्यक्ति के नाम को मणिपुर की घटना से जोड़ा हैं वह किसी और मामले का आरोपी हैं।

जब ज़ुबैर ने ANI को सच्चाई से अवगत कराते हुए सवाल किया तो उन्होंने ने बिना कोई सफ़ाई दिए, बिना माफ़ी मांगे अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।

हालांकि तब तक यह ख़बर पूरी तरह से वायरल हो चुकी थीं तथा ट्वीटर पर अब्दुल को आरोपी बनाकर ट्रेंड किया जा रहा था एवं मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफरत परोसी जा रहीं थीं।

ANI द्वारा फेंक न्यूज़ फैलाने की ख़बर जैसे ही लोगों को मालूम हुई और इनकी पत्रकारिता पर सवाल उठे तो 12 घंटे बाद ANI ने अपनी फेंक न्यूज़ को लेकर माफ़ी मांगी।

लेकिन अब सवाल यह उठता हैं कि, हिंदुत्ववादियों द्वारा यह ख़बर स्क्रीनशॉट लेकर तुरंत व्हाट्सएप ग्रुप में भेज दी गईं होगी और उन सभी ने इस घटना के लिए मुसलमानों को ज़िम्मेदार ठहरा दिया होगा. क्या ANI का माफ़ी नामा उन व्हाट्सएप ग्रुप तक भी पहुंचेगा, अगर नहीं तो उन लोगों को कौन बताएगा की मुसलमानों का इस घटना से कोई संबंध नहीं हैं।

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