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मुज़फ्फरनगर पुलिस ने “बच्चे की पिटाई” से जुड़ी वीडियो पोस्ट करने के आरोप में फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ़ FIR दर्ज की

मुज़फ्फरनगर में मुस्लिम बच्चें की पिटाई हिंदू छात्रों से करवाने वाली घटना से जुड़ी वीडियो पोस्ट करने के आरोप में उत्तर प्रदेश पुलिस ने ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर एवं फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कर ली हैं।

पुलिस ने यह एफआईआर खुब्बापुर गांव के ही विष्णुदत्त की शिकायत पर दर्ज़ की हैं, जिसमें शिकायतकर्ता का कहना हैं कि, पत्रकार मौहम्मद ज़ुबैर ने पीड़ित बच्चें की पहचान उजागर की हैं जो किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चें के अधिकारों का हनन हैं।

विष्णुदत्त की शिकायत के बाद मंसूरपुर पुलिस ने जुबैर के खिलाफ़ धारा 74 (बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015) के तहत एफआईआर दर्ज़ कर ली हैं।

आपको बता दें कि, जुबैर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) से घटना का वीडियो हटा दिया था क्योंकि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लोगों से वीडियो हटाने का आग्रह किया था. जुबैर ने 25 अगस्त के एक पोस्ट में कहा, “वीडियो हटा दिया गया क्योंकि NCPCR चाहता था कि लोग वीडियो हटा दें. उसके बावजूद ज़ुबैर को निशाना बनाया गया हैं।

पुलिस द्वारा जिस तेज़ी से मौहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज़ की गईं हैं उसको लेकर कई सारे सवाल खड़े हो रहें हैं. लोगों का कहना है कि, पुलिस आरोपी टीचर तृप्ता त्यागी को गिरफ्तार करने की बजाए एक पत्रकार के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कर रहीं हैं।

पत्रकार संजय शर्मा के मुताबिक़, यूपी में मासूम बच्चे को पीटने वाली टीचर की एफ़आइआर कोई देने को तैयार नही . यह भी नहीं पता चल पाया कि एफआईआर हुई भी या नही . हुई तो किन धाराओं में . पर इस मामले में ट्वीट करने पर ALT NEWS के पत्रकार मोहम्मद जुबैर पर जरूर FIR दर्ज कर ली गयी है. वाह री सरकार।

https://twitter.com/Editor__Sanjay/status/1696019444764696731?t=2JSN2F04I21H6SYD2dXmcw&s=19

इस घटना पर पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी का कहना हैं कि, मुज़फ्फरनगर पुलिस ने “बच्चे की पिटाई” के प्रकरण से जुड़ी वीडियो पोस्ट करने पर ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक ज़ुबैर के खिलाफ़ खुब्बापुर गांव के ही विष्णुदत की तरफ़ से बच्चे की पहचान उजागर करने का आरोप लगा केस दर्ज करवाया गया है।

कुछ भी कहने की आवश्यकता नही है सभी के संज्ञान में है कि ये केस किसके कहने पर क्यों दर्ज किया गया है, विष्णुदत नाम तो केवल इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि विष्णु का इस मामले से दूर तक भी कोई लेना देना नही है. एक नफऱत फ़ैलाने वाली टीचर को बचाने के लिए अब प्रशासन भी मैदान में आ गया है।

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