सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में 9 नए जजों की नियुक्ति हुई हुई हैं जिसमें एक बार फिर वरिष्ठता और न्याय को नज़र अंदाज़ करते हुए जजों को नियुक्ति की गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट में जजो की नियुक्ति में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अकिल कुरैशी की वरिष्ठता को नज़रंदाज़ किया गया हैं। जस्टिस अकिल कुरैशी त्रिपुरा हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश हैं।
जस्टिस अकिल कुरैशी हिंदुस्तान के सबसे वरिष्ठ जजो में दूसरे नंबर पर हैं इस हिसाब से कॉलेजियम की सिफ़ारिश में उनको सबसे पहले जगह मिलनी चाहिए थी लेकीन कॉलेजियम की सिफ़ारिश में उनके नाम को जगह ही नहीं दी।
बताया जा रहा हैं कि जस्टिस अकिल कुरैशी ने ही वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह को सीबीआई की हिरासत में भेजा था जिस कारण उनको सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति नही मिली हैं।
खबरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में 9 नए जजो की नियुक्ति जस्टिस आर एफ नरीमन के रिटायर्ड होने के 5 दिन बाद ही कर दि गई थी। आपको बता दे की जस्टिस आर एफ नरीमन दूसरे जजो को सुप्रीम कोर्ट भेजने से पहले जस्टिस अकिल कुरैशी को उनकी वरिष्ठता के हिसाब से सुप्रीम कोर्ट भेजना चाहते थे इसलिए उनके रिटायर्ड होते ही जस्टिस अकिल कुरैशी को नज़रंदाज़ करते हुए नए जजो की नियुक्ति कर दी।
जस्टिस अकिल कुरैशी को सुप्रीम कोर्ट ने भेजने का काफ़ी विरोध भी ही रहा हैं लोकसभा सांसद कुंवर दानिश अली के अनुसार “थोड़ा निराश हूं कि त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अकिल कुरैशी जो भारतीय न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में दूसरे नंबर पर हैं उनको नजरअंदाज कर दिया गया। आशा है कॉलेजियम आत्मनिरीक्षण करेगा।
Heartiest congratulation to newly appointed judges of #SupremeCourtOfIndia.
A little disappointed that #JusticeAkilKureshi, Chief Justice of Tripura High Court, who is No 2 in all-India judges' seniority list, was ignored. Hope Collegium will introspect… https://t.co/7np4rLbQYr— Kunwar Danish Ali (@KDanishAli) August 31, 2021