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असदुद्दीन ओवैसी के सरकारी आवास पर हमला करने वालों को मिली जमानत, हिंदू सेना ने माला पहनाकर कर स्वागत किया

ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर हमला करने वाले दो तथाकथित भगवाधारियों को कोर्ट ने जमानत दे दी हैं।

पटियाला हाउस कोर्ट ने अपने आदेश में कहा हैं कि इन आरोपियों का कोई पिछला रिकॉर्ड नहीं हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को देखते हुए आरोपियों को 10,000 रुपये के जमानती बांड पर जमानत दी जाती है।

इससे पहले पुलिस ने असदुद्दीन ओवैसी के घर पर हमला करने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. जिनमें से एक आरोपी को एक दिन की रिमांड पर भेजा था तथा बाकी चार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था।

आरोपियों की रिहाई पर हिंदू सेना ने खुशी जताते हुए इनका फूल-मालाओं से स्वागत किया।

सोशल एक्टिविस्ट काशिफ़ अर्सलान ने विडियो शेयर करते हुए कहा कि “सांसद असदउद्दीन ओवैसी के दिल्ली आवास में हमला करने वाले को हिन्दू सेना ने माला पहना कर अभिनंदन किया”।

https://twitter.com/KashifArsalaan/status/1445621596501078024?s=19

आरोपियों की ज़मानत पर दिल्ली एआईएमआईएम अध्यक्ष कलीमुल हफीज़ ने कड़ा विरोध दर्ज़ कराते हुए कहा कि “मुल्क के अमन को खत्म करने वाली ताकते पहले निशाना बनाती हैं फिर कानून का मज़ाक बनाती है. जब ये लोग गिरफ्तार होकर रिहा होते है तो खुलेआम फूल-माला पहनकर अपनी गुंडागर्दी का जश्न मानते हैं।

कलीमुल हफीज़ के अनुसार “यह भारत और भारत की कानून व्यवस्था के लिए शर्मनाक बात है. वर्तमान समय में सरकारी नीतियों के विरूद्ध सड़कों पर प्रदर्शन करने वालें छात्रों को UAPA जैसे सख़्त कानूनों के तहत सालों जेल में सड़ाया जाता हैं. लेकीन दूसरी तरफ धारदार हथियारों से लैस हिंदुत्ववादी लोग सांसद रत्न असदुद्दीन ओवैसी के घर हमला करते हैं तो दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ़ ऐसी धाराएं लगाती हैं कि उनको जल्द से जल्द ज़मानत मिल जाएं।”

कलीमुल हफीज़ का कहना हैं कि “दिल्ली दंगों में पुलिस की लापरवाही और एक तरफा कार्यवाही को लेकर रोज़ कोर्ट दिल्ली पुलिस को फटकार लगा रहा हैं उसके बावजूद दिल्ली पुलिस अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहीं हैं। लखीमपुर खीरी में आज जो भी हुआ हैं वह सब इसी का नतीज़ा हैं कि पुलिस अपराधियों का साथ दे रहीं हैं।

एआईएमआईएम ने आरोपियों की जमानत पर कड़ा विरोध दर्ज़ कराया हैं तथा पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाएं हैं।

आपको बता दें कि 21 सितंबर को शाम करीब 4 बजे हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने असदुद्दीन ओवैसी के आवास पर लाठी-डंडों और ईट-पत्थर से हमला किया था. असदुद्दीन ओवैसी की नेम प्लेट तोड़ी गई तथा घर के शीशों को भी काफ़ी नुकसान पहुंचाया गया था।

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