मुसलमानों के खिलाफ़ हो रहें ज़ुल्म के विरोध में बोलना और लिखना भी अब अपराध हो गया हैं. जिसकी सज़ा लगभग 68 लोगों को UAPA के तहत भुगतनी पड़ेगी।
बीते दिनों त्रिपुरा में मुस्लिमों के विरूद्ध जबर्दस्त हिंसा हुई थीं, जिसमें दर्जनों मस्जिद और सैकड़ो मुस्लिमों के घर और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था।
हिंसा का नेतृत्व तथाकथित विश्व हिंदू परिषद की रैली में मौजूद लोगों ने किया था. जिसके बाद लगभग एक हफ्ते तक यह हिंसा चली थीं, जिसमें मुसलामानों का काफ़ी नुकसान हुआ था।
इस हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर काफ़ी विरोध हुआ था. क्योंकि मुख्य धारा की मिडिया इस मुद्दे को नहीं उठा रहीं थीं।
इस हिंसा का विरोध करने वाले 68 लोगों पर पुलिस ने UAPA जैसे कठोर कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
पत्रकार रणविजय सिंह ने जिन लोगों पर मुक़दमा दर्ज हुआ हैं उनके नाम शेयर करते हुए लिखा हैं कि “त्रिपुरा पुलिस ने 68 लोगों पर UAPA लगाया है. ये 68 लोगों की लिस्ट है।
त्रिपुरा पुलिस ने 68 लोगों पर UAPA लगाया है. ये 68 लोगों की लिस्ट है. pic.twitter.com/tpH1zdcEkU
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) November 6, 2021
पत्रकार एवं सोशल एक्टिविस्ट जफर सैफी ने इस कार्यवाही का विरोध करते हुए लिखा हैं कि “सैकड़ो मुसलमानो पर एक साथ UAPA थोपना किसी लिंचिंग से कम नहीं है।”
https://twitter.com/ZafarSaifii/status/1456942924260806656?t=upXdFAnm5mTCyR97lOg1pA&s=19