उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में मुस्लिम युवक अल्ताफ़ की मौत ने पुलिस की भूमिका पर बहुत सारे सवाल खड़े कर दिए हैं।
पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट लगातार इस घटना को लेकर पुलिस से सवाल पूछ रहें हैं।
कासगंज के रहने वाले अल्ताफ़ पर लड़की को भगाने का आरोप लगा था. जिसके बाद अल्ताफ़ के पिता खुद उसे लेकर थाने छोड़कर आएं थे।
लेकिन अगले ही दिन पुलिस ने सूचना दी की आपके बेटे ने खुदकशी कर ली हैं. पुलिस द्वारा जो कहानी रची गई हैं वह सुनकर लोग पुलिस का मज़ाक बना रहें हैं।
इस मामले में पुलिस का कहना हैं कि “अल्ताफ को सुबह कोतवाली बुलाया गया जहां वॉशरूम जाने के बहाने जैकेट में लगी हुड की डोरी से उसने फांसी लगा ली. लापरवाही का मामला मानते पुलिस वालों को सस्पेंड का ऑर्डर दिया गया है।
पुलिस इस कहानी को सुनकर लगता हैं कि यह खुदकशी नहीं बल्कि हत्या हैं।
इस मामले को लेकर पत्रकार निगार परवीन ने यूपी पुलिस पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा है कि “क्या यूपी के मुसलमान अब जेल में भी सुरक्षित नहीं रह सकते? राम राज नहीं बल्कि जंगल राज बनता जा रहा है उत्तर प्रदेश।
क्या यूपी के मुसलमान अब जेल में भी सुरक्षित नहीं रह सकते?
राम राज नहीं बल्कि जंगल राज बनता जा रहा है उत्तर प्रदेश। #Kashanj #MuslimLivesMatter #WeDemandJusticeForAltaaf
— Nigar Parveen (@NigarNawab) November 10, 2021