उत्तर प्रदेश के विधायक मुख्तार अंसारी को आज पंजाब के रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश के बांदा जेल शिफ्ट किया जा रहा है। भारी सुरक्षा के बीच उनका काफिला उत्तर प्रदेश में दाखिल हो चुका है। ANI की खबर के हवाले से ये कहा जा रहा है कि खबर लिखे जाने तक उनका काफिला उत्तर प्रदेश के नोएडा में दाखिल हो चुका था। देर रात तक उनको बांदा जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है कि किसी विचारधीन कैदी को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट किया गया हो। लेकिन जिस प्रकार से इस मामले में मीडिया और सरकार का रवैया रहा है वो अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
पहला सवाल तो यही है कि आखिर मीडिया को इस प्रकरण में इतनी दिलचस्पी क्यों है?
जिस प्रकार से गोदी मीडिया का एक बहुत बड़ा तबका इस खबर को प्रसारित कर रहा है उससे साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार की मंशा क्या है। मीडिया के द्वारा एक चुने हुए विधायक को लगातार माफिया, डॉन, हत्यारा और आतंकी कहकर एक नकारात्मक माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
ऐसा करके मीडिया मुख्तार अंसारी की सेक्युलर और समाजवादी छवि को खत्म करना चाह रही है ताकि एनकाउंटर जैसी स्तिथि में मीडिया सरकार को और पुलिस का बचाव कर सके।
मुख्तार अंसारी के भाई अफ़ज़ल अंसारी ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की मंशा सही नहीं है। इसी बांदा जेल में उन्हें चाय में ज़हर मिलाकर देने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा कि हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। हमने उन्हें मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने की अपील कोर्ट से कर दी है।
अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट यह सुनिश्चित करेगा कि सत्ता में बैठे लोग किसी की हत्या न करें। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री खुद जनसभा में कहते हैं कि गाड़ी तो पलट कर रहेगी। गाड़ी यूपी के किस बॉर्डर पर पलटेगी, ये नहीं बताऊंगा।A