14 साल पुराने एक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने गाजीपुर से लोकसभा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई हैं और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
इस सज़ा के बाद अफ़जाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता पर भी संकट आ गया है तथा जल्द ही उनकी लोकसभा सदस्यता छीन सकती हैं।
कोर्ट द्वारा अफ़जाल अंसारी को सुनाई गई सज़ा को लेकर सांसद कुंवर दानिश अली ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि, सत्ताधारी पार्टी के नेताओं पर सदियों तक मुकदमे चलते हैं लेकिन उनको सज़ा नहीं होगी।
कुंवर दानिश अली के अनुसार, ‘विपक्ष मुक्त भारत और मुस्लिम मुक्त विधायिका’ योजना के तहत शीघ्र ही अब अफ़ज़ाल अंसारी की सदस्यता छीन ली जायेगी. लेकिन सत्ताधारी पार्टी के सांसदों और विधायकों के मुक़द्दमे सदियों तक चलते रहेंगे, न किसी को सज़ा होगी और न किसी की सदस्यता छीनी जायेगी. ये है ‘नये भारत’ का नया दस्तूर।
इस मामले पर पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी का कहना हैं कि, ग़ाज़ीपुर से सांसद अफ़ज़ाल अंसारी को MP-MLA कोर्ट ने 4 साल की सज़ा सुनाई हैं जिसके कारण उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द होगी. सरकार ने संवैधानिक तरीक़े से लोकसभा और विधानसभा से मुस्लिमों का सफ़ाया कर दिया है, अब संसद में सिर्फ़ बीजेपी और सेक्युलरिज़्म के नाम पर बने नेता ही सदस्य रहेंगे. मुस्लिम नेताओं को फांसी मिलना बाक़ी।
आपको बता दें कि, जनप्रतिनिधि कानून के तहत अगर किसी विधायक या सांसद को दो साल से ज्यादा की सजा मिलती हैं तो उसकी सदस्यता चली जाती है।