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असम सरकार ने 600 से अधिक मदरसों को स्कूल में तब्दील किया, ज़मीन पर भी कब्ज़ा किया, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

इन दिनों भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित राज्यों में मदरसों को लेकर एक बहुत बड़ी बहस छिड़ी हुई हैं. कहीं मदरसों का सर्वे किया जा रहा हैं तो कहीं मदरसों पर ताला लगाया जा रहा हैं।

असम की बीजेपी सरकार ने तो 600 से अधिक मदरसों की ज़मीन पर कब्ज़ा करते हुए उनको स्कूल में ही तब्दील करने का फ़ैसला कर दिया. जिसके बाद से असम में बहुत बड़ा विवाद छिड़ गया हैं।

आपको बता दें कि असम सरकार ने इन मदरसों को असम रिपीलिंग एक्ट 2020 के तहत स्कूल में तब्दील किया है और यह कानून हाल ही में बनाया गया था।

हालांकि असम सरकार के इस फैसले के खिलाफ कुछ लोगों ने गुवाहाटी हाईकोर्ट का रुख किया था लेकीन हाईकोर्ट ने असम सरकार के हक़ में फैसला देते हुए कहा कि, असम सरकार द्वारा मदरसों को सरकारी स्कूल में तब्दील करने का फ़ैसला सही हैं, किसी धर्म को बढ़ावा देना सरकार का काम नहीं है।

याचिकाकर्ता द्वारा गुवाहाटी हाईकोर्ट के फ़ैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई, जिसमें कहा गया है कि, पहले ये मदरसे निजी थे जिन्हें काफ़ी समय पहले असम सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया था तथा अब उनको सरकारी मदरसों का हवाला देते हुए स्कूल में तब्दील किया जा रहा हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद असम सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया हैं।

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