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‘सेंट्रल विस्ता’ प्रोजेक्ट की फोटोग्राफी पर लगी पाबंदी तो पत्रकार बोले “जब बेशर्मी हो ही रही है तो छुपाना क्यों?”

कोरोना काल के दौरान नए संसद भवन के निर्माण कार्य की चौतरफा आलोचना के बाद अब सरकार ने निर्माण कार्य की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी आर पाबंदी लगा दी है। निर्माण कार्य की जगह पर “No Photography and No Videography” के पोस्टर लगा दिए गए हैं।

इसपर पत्रकार अभिसार शर्मा ने सरकार की चुटकी लेते हुए ट्वीट कर कहा है कि “जब बेशर्मी हो ही रही है तो उसे छुपाना क्यों?”

आगे सरकार से सवाल सवाल करते हुए अभिसार शर्मा ने लिखा है कि “अब 13,000 करोड़ के बंगले के निर्माण की तस्वीर भी नहीं ले सकते? क्यों भई?

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में तालाबंदी है। जिस कारण से न केवल सारे बाजार बंद हैं बल्कि सारे प्राइवेट और सरकारी निर्माण कार्य भी बंद हैं।

लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट को बहुत ज़रूरी कामों की सूची में डाल दिया है जिस कारण से इसके निर्माण कार्य का काम चालू है।

विपक्ष समेत देश के तमाम बुद्धिजीवियों ने सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा था।
एक तरफ जहां देश के तमाम अस्पताल बुनियादी सुविधाओं के अभाव से गुज़र रहे हैं वहीं दूसरी ओर सरकार अपने लिए नए संसद भवन का निर्माण करवा रही है।

ऐसे समय में जब देश के लोगों को ऑक्सीजन की ज़रूरत है सरकार अपने लिए नए संसद भवन का निर्माण करवा रही है। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि क्या सरकार के लिए लोगों की जान से बढ़कर सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट है?

चौतरफा आलोचना के बाद ये उम्मीद की जा रही थी कि शायद सरकार अपना ध्यान सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट से हटाकर ऑक्सीजन पर लगाएगी। किन्तु इस सरकार से ऐसी उम्मीद करना भी बेईमानी है। निर्माण कार्य रोकने के बजाए सरकार ने निर्माण कार्यों के फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर पाबंदी लगा दिया है।

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