हरियाणा के नूंह में बीते दिनों हुए सांप्रदायिक हिंसा को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट ने बहुत बड़ा खुलासा किया हैं, रिपोर्ट के मुताबिक़ इस हिंसा में स्थानीय लोग शामिल नहीं थे।
अल्पसंख्यक आयोग ने बीते बृहस्पतिवार को रिपोर्ट ज़ारी करते हुए बताया कि नूंह हिंसा कोई संगठित घटना नहीं थीं. इसके अलावा उन्होंने इस हिंसा के लिए स्थानीय प्रशासन की विफलता भी नहीं माना हैं लेकिन इतना ज़रूर कहा है कि प्रशासनिक स्तर पर कुछ कमियां जरूर रहीं।
आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के मुताबिक़ इस हिंसा में स्थानीय लोग शामिल नहीं थे. सोशल मीडिया के जरिये फैलाए गए झूठे एजेंडे की वजह से कुछ नौजवान उत्तेजना के शिकार हो गए थे।
इकबाल सिंह ने बताया कि, हमने कुछ दिन पहले हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर जांच की थी एवं विभिन्न समुदायों के लोगों तथा प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात की थीं।