जिस भी समाज को जितना दबाया जाता हैं उसकी आने वाली पीढ़ियां हर दिन नए नए कीर्तिमान रचती हैं, यहीं आज भारत का दलित समुदाय कर रहा हैं, आज पूरी दुनियां में दलित समुदाय के लोगों का डंका बज रहा हैं।
इंदौर की रहने वाली दलित छात्रा रोहिणी घवारी ने यूनाइटेड नेशन (UN) में भारत का प्रतिनिधित्व करके एक नया कीर्तिमान रच दिया हैं।
रोहिणी घवारी ने यूनाइटेड नेशन में मानवाधिकार के मुद्दे पर जोरदार भाषण दिया हैं, भाषण में उन्होंने पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण से लेकर पाकिस्तान एवं अन्य देशों द्वारा मानव अधिकारों के हनन को लेकर भारत को कठघरे में खड़ा करने का भी मुंहतोड़ जवाब दिया।
रोहिणी का कहना हैं कि, मैं पिछले 2 साल से इंतज़ार कर रही थी यहाँ तक पहुँचने का, पहले लगा कि या तो मंत्री बनके बोल सकती हूँ या अधिकारी, अपने पापा को बोलती थी की यहाँ पढ़ने आने का क्या फ़ायदा अगर एक भी अंतरराष्ट्रीय संस्थान में स्पीच नहीं दे पायी, लेकिन अब खुश हूँ की छोटी ही सही लेकिन दिल की इच्छा पूरी हुई।
रोहिणी ने आगे कहा, जब जब हम दलितों को मौक़ा मिला है हमने अपने देश का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है, भारत का संविधान आज विश्व में सबसे ताक़तवर है हमारी तरक़्क़ी में सबसे बड़ा योगदान संविधान का है।