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दिल्ली: 2009 से नहीं निकली MCD के स्कूलों में उर्दू टीचर की वेकेंसी, स्कूलों से धीरे धीरे खत्म की जा रहीं हैं उर्दू भाषा

राजधानी दिल्ली में बीते 13 साल से उर्दू टीचरों के लिए वेकेंसी नहीं निकली हैं, जिसके कारण एमसीडी के स्कूलों में उर्दू की हालत बद से बदतर होती जा रहीं हैं।

दिल्ली एमसीडी के तहत 1700 स्कूल आते हैं जिनमें से लगभग 35 स्कूल उर्दू मीडियम के हैं, जहां पहली से पांचवीं तक उर्दू जबान पढ़ाई जाती हैं।

लेकीन 2009 से उर्दू भाषा पढ़ाने वाले टीचर की एक भी वेकेंसी नहीं निकाली गईं हैं. खबरों के मुताबिक़, 12 मई 2021 को एमसीडी द्वारा एक नोटिस निकाला गया था जिसमें 434 असिस्टेंट प्राइमरी टीचर की वेकेंसी निकाली गईं थीं जिसमें से एक भी उर्दू टीचर के लिए नही थीं।

इसके अलावा 276 पोस्ट क्लर्क के लिए भी निकाली गईं थीं इसमें भी उर्दू को नज़रअंदाज़ किया गया था. वेकेंसी नहीं निकलने के कारण काफ़ी उम्मीदवार घर बैठे हैं तथा कुछ की उम्र ही निकल गईं हैं।

हाल ही में हुए संपन्न हुए चुनावों में मिली भारतीय जनता पार्टी की हार के बाद अब एमसीडी में आम आदमी पार्टी काबिज हो गईं हैं, जिसके बाद उम्मीद लगाई जा रहीं हैं कि अब वेकेंसी निकल सकती हैं।

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