जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (JMI) में RSS की छात्र ईकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) द्वारा दिवाली मनाएं जाने के बाद से विवाद उत्पन्न हो गया हैं. जिसपर छात्र संगठन फ्रेटरनिटी मूवमेंट ने कड़ी आपत्ति दर्ज़ की हैं।
विवाद का कारण खुद जामिया का कानून बना, जिसके तहत विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार के राजनीतिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी हैं. उसके बावजूद ABVP ने खुलेआम छात्रों को एकत्रित कर दिवाली मनाई।
एबीवीपी ने दिवाली का कार्यक्रम राष्ट्रीय कला मंच जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय इकाई द्वारा अयोजित किया, जिसमें छात्रों ने रंगोली भी बनाई।
आपको बता दें कि, 26 सितंबर 2022 को जामिया के चीफ़ प्रॉक्टर ने एक आदेश ज़ारी करते हुए कहा था कि, छात्र या शिक्षक कैंपस के अंदर भी किसी तरह का प्रोटेस्ट नहीं करेंगे और न ही भीड़ के रूप में जमा होंगे।
फ्रेटरनिटी मूवमेंट ने एबीवीपी के दिवाली कार्यक्रम को प्रॉक्टर द्वारा ज़ारी नोटिस का उल्लघंन बताते हुए कहा कि, जामिया के अधिकारियों ने परिसर में एबीवीपी समर्थित दिवाली समारोह को हरी झंडी दी. लेकिन अन्य सभी राजनीतिक और सांस्कृतिक संघों को इकट्ठा न होने की चेतावनी दी जाती है और परिसर के भीतर राजनीतिक गतिविधियों को अपराध के रूप में गिना जाता है।
पीछले 2 दिनों से एबीवीपी और राष्ट्रीय कला मंच बिना किसी प्रतिबंध के कार्यक्रम कर रहीं हैं. जामिया प्रशासन का यह दोहरा मापदंड हैं।
आपको बता दें कि, हाल में चल रहें हिजाब विवाद के बाद से कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग की थीं।