हरियाणा का गुरुग्राम ज़िला पिछले कई महीनों से जुम्मे की नमाज़ को लेकर हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. जिसके चलते हर शुक्रवार को यह लोग जुम्मा की नमाज़ का विरोध करते हैं।
हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों संगठनों के लोग जुम्मा की नमाज़ से पहले नमाज़ स्थल पर पहुंचकर नमाज़ का विरोध करते हैं तथा नमाज़ स्थल पर पूजा करके या गाड़ी खड़ी करके विरोध प्रदर्शन करते हैं।
हिंदुत्ववादियों के विरोध को देखते हुए जब पत्रकार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से सवाल किया तो उन्होंने कहा “खुले में नमाज़ बर्दास्त नहीं की जाएगी।”
जिसपर स्वतंत्र पत्रकार वसीम अकरम त्यागी ने सवाल करते हुए कहा हैं कि “गुरुग्राम में जुमा की नमाज़ पर होने वाले विवाद पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि “खुले में नमाज बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” मुख्यमंत्री से सहमती दर्ज कराते हुए पूछना चाहता हूं कि खुले में सिर्फ नमाज़ ही बर्दाश्त नहीं होगी, या जागरण, जगराते भी बर्दाश्त नहीं होंगे?”
गुरुग्राम में जुमा की नमाज़ पर होने वाले विवाद पर हरियाणा के मुख्यमंत्री @mlkhattar का कहना है कि "खुले में नमाज बर्दाश्त नहीं की जाएगी।" मुख्यमंत्री से सहमती दर्ज कराते हुए पूछना चाहता हूं कि खुले में सिर्फ नमाज़ ही बर्दाश्त नहीं होगी, या जागरण, जगराते भी बर्दाश्त नहीं होंगे?
— Wasim Akram Tyagi (@WasimAkramTyagi) December 10, 2021
वसीम अकरम त्यागी के अनुसार “हरियाणा वक्फ बोर्ड का कहना है कि गुरुग्राम मे 19 स्थानों पर वक्फ की ऐसी संपत्तियां हैं जिस पर या तो भू-माफियाओ ने कब्ज़ा किया हुआ है या वहां पर मस्जिद निर्माण नही हो पा रहा है. जिस वक्त मनोहर लाल खट्टर को इन संपत्तियो को कब्ज़ा मुक्त कराना चाहिए था,उस वक्त खट्टर अलग ही राग अलाप रहे हैं।”