भारत में आए दिन पुलिस हिरासत में मुसलमानों की मौत के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहें हैं, पिछले 15 दिनों में तीन मुस्लिम युवक पुलिस हिरासत में अपनी जान गवां चुके हैं।
ताज़ा मामला हरियाणा के फरीदाबाद ज़िले का हैं, जहां पुलिस हिरासत में 29 वर्षीय मुस्लिम युवक की कथित तौर पर मौत हो गई, मृतक सैकुल खान राजस्थान के गोविंदगढ़ का रहने वाला हैं।
जानकारी के मुताबिक़, 20 जुलाई की रात करीब 10 बजे सैकुल ख़ान को फरीदाबाद के सेक्टर 19 से हिरासत में लिया था. इसकी जानकारी पुलिस ने पीड़ित परिवार को दी थीं लेकिन उसके थोड़ी देर बाद ही पुलिस हिरासत में सैकुल की मौत की ख़बर आ गईं हैं।
परिजनों ने पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि, मृतक के शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं, सैकुल का कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, वह सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था।
इस मामले पर कांग्रेस विधायक चौधरी आफताब अहमद का कहना हैं कि, फरीदाबाद पुलिस अभिरक्षा में सैकुल खान मृत्यु मामले में पीड़ित परिवार ने मुझे फोन कर न्याय की अपील की, नूंह में होने कारण मैंने पुलिस आयुक्त श्री विकास अरोड़ा से फोन कर तुरंत उच्च स्तरीय जांच व दोषियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए कहा, CP ने न्याय के लिए आश्वस्त किया है।
हरियाणा में कानून व्यवस्था शून्य है, पुलिस अभिरक्षा में लोगों की मौत दर्शाती है कि पुलिस रक्षक के बजाए भक्षक बनने की राह पर चल रही है, BJP JJP सरकार में न्याय नहीं अन्याय का बोलबाला है, पीड़ित परिवार को अगर उचित न्याय नहीं मिला तो हम सड़क पर आकर न्याय की लड़ाई लडेंगे।
आफताब आगे कहते हैं कि, हरियाणा की फरीदाबाद पुलिस समझ ले कि अन्याय करने वाले पुलिस कर्मचारियों को अन्याय के लिए सजा जरुर भुगतनी पड़ेगी, प्रदेश सरकार से भी स्पष्ट कर दूं कि अगर दोषी पुलिसकर्मियों को सजा व पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो सड़क से विधानसभा तक अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन के लिए तैयार रहे।
इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल के मुताबिक़, 15 दिनों में पुलिस हिरासत में तीसरे मुस्लिम युवक की मौत हुई हैं, पहले उत्तर प्रदेश, उसके बाद झारखंड और अब हरियाणा. पुलिस हिरासत में एक और युवक की मौत. हरियाणा के फरीदाबाद पुलिस ने 29 साल के सैकुल खान को 20 जुलाई को रात 10 बजे उठाया था. उसके बाद परिवार वालों को पुलिस स्टेशन से फोन आया और बताया गया कि सैकुल की मौत हो गई है. परिवार का आरोप है कि सैकुल के शरीर पर चोट के कई निशान हैं, जिससे साफ है कि पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटा है. परिवार का ये ही कहना है कि सैकुल का कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है।