अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन को लेकर ज़ारी संघर्ष लगभग खत्म हो चुका है सत्ता की चाबी पूरी तरह से तालिबान के हाथों में आ चुकी हैं।
तालिबान द्वारा सत्ता पर काबिज हो जाने के बाद से अब वैश्विक स्तर पर एक बहस छिड़ गयी है कि क्या तालिबान को मान्यता दी जाएं या नहीं?
भारत में भी लगातार तालिबान को लेकर बहस ज़ारी है लेकिन अभी तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तालिबान तथा अफगानिस्तान के मुद्दे को लेकर अपनी राय प्रकट नहीं की है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर एनएसयूआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे मशहूर शायर एवं कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय चैयरमेन इमरान प्रतापगढ़ी से जब तालिबान के मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहां तालिबान के मुद्दे पर जो राय भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की होंगी वहीं हमारी राय होंगी।
इमरान प्रतापगढ़ी के अनुसार “हम इंतजार कर रहे हैं कि भारत सरकार अपनी राय प्रकट करें उसके बाद देश कोई राय बनाएगा”।
इमरान प्रतापगढ़ी ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा है कि जब तक भारत सरकार अपनी राय प्रकट न करें तब तक देश का कोई भी व्यक्ति अपनी राय प्रकट न करें।
अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की चिंता जाहिर करते हुए इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि भारत सरकार जल्द से जल्द भारतीयों को वहां से निकाले। पूरा देश इस मुद्दे पर सरकार के साथ है।