नियति की विडंबना देखिए कि दादरी के जिस बिसाहड़ा गांव में फ्रिज के अंदर ढाई सौ ग्राम गोमांस मिलने का आरोप लगाकर अखलाक की हत्या कर दी गई थी और इस मुद्दे पर पूरे देश को हिला कर रख दिया गया था।
उसी बिसाहड़ा गांव के पास एक कोल्ड स्टोर में 185 टन गो मांस बरामद हुआ है. जानकारों का कहना है कि इतने मांस के लिए लगभग 10 हजार गाय काटी गई होंगी।
लैब में जांच करने के बाद इसके गो मांस होने की पुष्टि प्रशासन ने की है. जिस कोल्ड स्टोर से मांस बरामद हुआ वह पूरन जोशी का है।
पूरन जोशी को पुलिस ने जेल भेज दिया है, पुलिस की प्रारंभिक जांच में दादरी थाने के इंचार्ज सुजीत उपाध्याय की इस मामले में संलिप्तता पाई गई है, इसलिए उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
यदि पुलिस का संदेह सही है तो कुल मिलाकर कहानी यह है कि जोशी जी और उपाध्याय जी मिलकर बड़े पैमाने पर गोमांस की तस्करी कर रहे थे।
उल्लेखनीय तथ्य यह है कि यह मांस कंटेनरों के जरिए बिहार बॉर्डर से पूरे उत्तर प्रदेश को पार करके नोएडा तक पहुंचा था. गोमांस से भरे कंटेनर पूरे प्रदेश को पार कर गए और गौ सेवक मुख्यमंत्री की पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
(यह लेखक के अपने विचार है, लेखक राजकुमार भाटी समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता है)