कोरोना वायरस महामारी के कारण केन्द्र सरकार द्वारा देश में लगाएं गए अनप्लान लाॅकडाउन के कारण हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे है।
मोदी सरकार द्वारा बिना किसी तैयारी के बार-बार लाॅकडाउन लगाने से देश में गरीबी,बेरोज़गारी एवं भूखमरी में बढ़ोतरी हुई है। जिसके कारण भारत 45 साल के बाद सामुहिक गरीबी वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है।
पीयू रिसर्च सेंटर के मुताबिक भारत में पिछले एक साल यानी कोरोना काल में गरीबों की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर 13 करोड़ 40 लाख हो गयी है। जिसके अनुसार हम कह सकते है कि एक साल में भारत के अंदर गरीबों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गयी है।
भारत में गरीबों की संख्या दोगुनी होने के कारण भारत अब सामुहिक गरीबी वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है। इस सूची में वह देश शामिल होते है जहाँ सबसे ज्यादा गरीबी होती है।
भारत के सामुहिक गरीबी वाले देशों की सूची में शामिल होने पर इंडियन यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव दीपक भाटी चोटिवाला ने तंज कसते हुए कहाँ कि यह नरेन्द्र मोदी का न्यू इंडिया है।