राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन मुंबई के मीरा रोड पर हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद इलाक़े के मुसलमानों को आर्थिक रुप से काफी नुकसान हुआ था, जिसके बाद से मुस्लिम व्यापारी काफ़ी परेशान हैं।
पीड़ितों का आरोप हैं कि, जिन दुकानों पर ‘जय श्री राम’ लिखे हुए भगवा झंडे लगे थे, दंगाइयों ने उन दुकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया।
सबा बुटीक के मालिक शमशेर आलम ने द वायर को बताया कि, लोगों की भीड़ जब मीरा रोड के शांति नगर स्थित सेक्टर-5 पर पहुंची तो वे पहले से ही अपने लक्ष्य को जानती थीं, सभी के पास बैग थे और ऐसा लग रहा था कि उनमें बड़े-बड़े पत्थर भरे हुए हैं. उन्होंने हमारी दुकान पर पथराव किया, शीशे और बाहर रखे पुतलों को तोड़ दिया।
पीड़ितों के मुताबिक़, जब हमला हो रहा था, तब नया नगर थाने की पुलिस सिर्फ 20 मीटर की दूरी पर खड़ी थीं, लेकिन उन्होंने भीड़ को नहीं रोका, ऐसा लग रहा था कि मानो पुलिस भीड़ की सुरक्षा के लिए वहां मौजूद थी।
रिर्पोट के मुताबिक़, 24 जनवरी को आलम और अन्य पीड़ित दुकान मालिक सबूतों के साथ थाने गए थे तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से भी मना कर दिया।
छोटे नवाब शू शॉप के मालिक शेख फैयाज अहमद ने सीसीटीवी फुटेज दिखाते हुए कहा कि ज्यादातर दंगाई युवा थे, उनके पास भारी बैग थे, जो पत्थरों से भरे हुए थे।
स्थानीय ऑप्टिशियन के यहां काम करने वाले उमर ने बताया कि, उनकी दुकान के बाहर भगवा झंडा नहीं लगा था इसलिए हमला किया गया, यह शक इसलिए भी और बढ़ जाता हैं कि क्योंकि एक अन्य ऑप्टिकल की दुकान (गंगर आईनेशन) जो एक हिंदू की है, उसके बाहर भी भगवा झंडा नहीं लगा था, इसलिए दंगाइयों ने उसपर भी हमला कर दिया।