सऊदी अरब के मक्का शहर में इस्लामिक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है जिसमें मुसलमानों के बीच एकता हासिल करने के लिए दुनिया भर में धार्मिक मामलों के विभागों, इफ्ता और शेखों के बीच इस्लामी मामलों में बेहतर संचार, एकीकरण और मजबूत साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस को मक्का सम्मेलन का नाम दिया गया तथा 85 देशों के लगभग 150 प्रमुख इस्लामिक विद्वानों, मुफ्तियों, धार्मिक नेताओं और विचारकों ने भाग लिया था।
सऊदी इस्लामिक मामलों का मार्गदर्शन करने वाले मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में इस्लामिक देशों और उनके प्रमुखों के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों ने भी हिस्सा लिया था।
कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रतिनिधियों ने सात सत्रों में शोध पत्र प्रस्तुत किए जिनमें कई विषयों को शामिल किया गया. इनमें इस्लाम की सेवा में प्रयास, कुरान और पैगंबर की सुन्नत में सहिष्णुता और सह-अस्तित्व, संयम और सहिष्णुता के मूल्यों को बढ़ावा देना, उग्रवाद और आतंकवाद का मुकाबला करना और समाज को नास्तिकता और विघटन से बचाना शामिल था।
इसके अलावा कुरान ए पाक की प्रतियां जलाने के निंदनीय और बार-बार होने वाले कृत्यों की भी कड़ी निंदा की गई तथा इस बात पर जोर दिया गया कि इस तरह की घृणित कार्रवाइयों से नफरत भड़कती है और नस्लवाद को बढ़ावा मिलता है इसलिए इसको रोकना बहुत ज़रूरी हैं।