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बिगफूट ने पब्लिशिंग की दुनिया बदली, सेल्फ पब्लिश करना हुआ आसान

आज से कुछ साल पहले लेखक अपनी किताब लिख कर उसकी कॉपी लेकर पब्लिकेशंस हाउस के चक्कर काटते रहते थे लेकिन पब्लिशिंग हाउस उनकी किताबें पब्लिश नहीं करते थे। खासकर नए लेखकों के उपर कोई पैसा लगाने को तैयार नहीं होता था। लेकिन पिछले कुछ सालों में बिगफूट जैसे पब्लिशिंग हाउसेस ने स्तिथियां बदल दी है। गुरुग्राम स्थित BIGFOOT PUBLICATION के माध्यम से लेखक अपनी किताब आसानी से सेल्फ पब्लिश करा सकते है। एक नए लेखक को पब्लिशिंग की दुनिया के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है, ऐसे में बिगफूट इन लेखकों को एक प्रोजेक्ट मैनेजर देता है, जो बुक पब्लिशिंग की पूरी जर्नी में लेखक की मदद करता है।

किताबें सेल्फ पब्लिश तो पहले भी होती थी लेकिन इन किताबों के सामने डिस्ट्रीब्यूशन और मार्केटिंग की चुनौतिया होती थी। चूंकि एक लेखक इन कामों में दक्ष नहीं होता है, इसलिए उनकी ये सेल्फ पब्लीश्ड किताबें ज्यादा नहीं बिक पाती थी। लेकिन BIGFOOT PUBLICATION ने इन सारी समस्याओं का हल निकाल लिया है। बिगफूट की क्रॉसवर्ड, और ऑक्सफोर्ड जैसे कई बुक सेलिंग स्टोर्स के साथ पार्टनरशिप है, जिससे किताबें जल्द ही मार्केट में पहुंच जाती है। इसके अलावा वे रिटेल स्टोर्स, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर भी अपनी किताबें उपलब्ध कराते है।
एमेजॉन और फ्लिपकार्ट से भी उनकी किताबें ऑर्डर की जा सकती है। इसके अलावा डिजिटल माध्यम जैसे एमेजॉन किंडल और गूगल बुक्स पर भी इन किताबों को ई – बुक्स के रूप में पढ़ा जा सकता है और ऑडियोबुक फॉर्मेट में सुना जा सकता है। इस वजह से आजकल लेखकों को दोहरा फायदा हो रहा है।

देश ही नहीं, बिगफूट की वॉलमार्ट और WH Smith जैसे स्टोर्स से partnership है, जिससे ये किताबें 140 से भी अधिक देशों में भी उपलब्ध है, जिससे भारतीय लेखकों की पहचान विदेशों में भी बढ़ रही है।

बिगफूट पब्लिकेशंस के संस्थापक दीपक यादव कहते है कि “पिछले 4 वर्षो में 3000 लेखको ने अपनी 5000 से अधिक Thriller, Romance, Biography, Productivity आदि तरह की किताबें बिगफूट के साथ पब्लिश करा चुके है। और खासकर लॉकडाउन के दौरान किताबें लिखकर आज अच्छी आय भी कमा रहे है।”

वैसे एक नए लेखक के लिए चुनौतियां यहीं खत्म नहीं होती, किताब लिखने से लेकर पब्लिश होने तक कई सारे काम करने होते है। इसलिए बिगफुट लेखकों को एडिटिंग, अनलिमिटेड कवर डिजाइन, प्रिंटिंग, ऑडियोबुक रिकॉर्डिंग आदि सारी सुविधाएं देता है। जिससे लेखक का काम बहुत आसान हो जाता है।

किताबों की सेल्स में पारदर्शिता की कमी और रॉयल्टी अक्सर लेखक और पब्लिशर के बीच लड़ाई झगडे का कारण बनती है, इसलिए बिगफुट इस समस्या को हल करने के लिए एमेजॉन अकाउंट लेखक के नाम से ही खोलता है, जिससे 100% रॉयल्टी सीधे लेखक के खाते में आती है, और सेल्स की पूरी पारदर्शिता बनी रहती है।

इसके अलावा नए और युवा लेखकों को कागजी काम के बारे में अनुभव नहीं होता है इसलिए बिगफुट कॉपीराइटिंग और legal contract signing में भी पूरी मदद करता है।

BIGFOOT PUBLICATION के फाउंडर दीपक यादव खुद एक लेखक है और 17 वर्ष की उम्र में ही अपनी पहली किताब “Walking with you” लिख के पब्लिश भी करा ली थी, जिसे पाठको और लेखकों द्वारा काफी प्रशंसा भी मिली लेकिन किताब ज्यादा बिकी नहीं। जिसका कारण दीपक को यह लगता है कि किताब की अच्छी मार्केटिंग नहीं हुई थी। दीपक यह चाहते है की ऐसा दूसरे लेखकों के साथ न हो इसलिए बिगफुट पब्लिकेशंस नए और उभरते हुए युवा लेखकों की किताबों की अखबारों, सोशल मीडिया आदि पर अच्छे से मार्केटिंग करती है। इतना ही नहीं लेखक के साथ Book Launching Event, Podcast, Interview आदि भी कराए जाते है। जिससे किताब की सेल्स ही नहीं बढ़ती बल्कि लेखक को भी पहचान मिलती है। इसके अलावा बिगफूट के पास 1 लाख पाठको की community भी है।

बिगफूट के साथ बुक पब्लिश करा चुकी “Suicide pact” की लेखिका Mydhili R Varma लिखती है ” बिगफूट परिवार ने उनकी हर कदम पर मदद की और इसी वजह से उनका अपनी किताब पब्लिश कराने का सपना भी पूरा हो गया है। “

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