आज से ठीक 3 साल पहले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये मुस्लिम विरोधी काले कानून (CAA) और फासीवादी सरकार के खिलाफ़ जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्राओं और जामिया नगर की मुस्लिम महिलाओं ने जंग का एलान किया था।
इस के बाद पुरे हिंदुस्तान की मुस्लिम महिलाओं ने इस लड़ाई को ना सिर्फ मजबूती से लड़ा बल्कि दुनिया को ये भी बता दिया की मुस्लिम महिलायें अपने हक़ ओ हुक़ूक़ के लिए सड़कों पर उतर कर सरकार की नकेल भी कस सकती हैं।
जिस लड़ाई की शुरुआत जामिया ने की थी उसको ये हिटलर शाही सरकार अपनी सत्ता के दम पर हमे या हमारे साथियों को जेल में क़ैद करके खत्म नहीं कर सकती।
ये जंग तब तक जारी रहेगी जब तक ये काले क़ानून वापस नहीं हो जाते और झूठे मुक़दमों में फंसाए गए हमारे सभी साथियों को रिहा नहीं किए जाते।
(यह लेखक के अपने विचार हैं, लेखक आसिफ़ इक़बाल तन्हा सोशल एक्टिविस्ट हैं तथा CAA आंदोलन के दौरान (UAPA) के तहत जेल गए थे।)