उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों के खिलाफ़ सरकार और उसका पूरा तंत्र काम कर रहा हैं, ताज़ा मामला जाने माने पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी से संबंधित हैं।
मेरठ की एडीएम कोर्ट ने पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी के खिलाफ़ 3 महीने ज़िला बदर करने का आदेश सुनाया हैं।
पत्रकार का आरोप हैं कि कोर्ट ने यह फ़ैसला एकतरफा सुनाया हैं, कोर्ट ने सिर्फ़ पुलीस का पक्ष सुना हैं मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई हैं।
इस पूरे मामले में पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी का कहना हैं कि, मेरठ की ADM कोर्ट ने मुझे 3 महीने के लिए जिला बदर (जिले से बाहर) करने का आदेश दिया है, मैं 3 महीने तक अपने घर में भी प्रवेश नही कर सकता हूँ ना परिवार से मिल सकता हूँ, फ़ैसला मेरा पक्ष सुने बिना सुनाया गया है, बेगुनाह होने की भी सजा मिली है, पत्रकारिता करना ही मेरा असल जुर्म है।
ज़ाकिर आगे कहते हैं कि, न्यायिक सिद्धांत में अक्सर कहा जाता है कि “भले 100 गुनहगार छूट जाएं लेकिन किसी बेगुनाह को सजा नहीं होनी चाहिए”, लेकिन इस न्यायिक सिद्धांत के विपरीत कार्य होते हुए देखा है कि भले कितने ही बेगुनाहों को सजा क्यो ना मिल जाये लेकिन गुनाहगार को सजा ना मिले, ध्यान रहे अल्लाह इंसाफ़ करेगा।
मैं कोर्ट का शुक्रिया अदा करता हूँ कि मेरा पक्ष सुने बिना पुलिस की दलीलों को सर्वोपरि रखा, बाक़ी मैं बेगुनाही का सबूत हूं।
पत्रकार ने शायराने अंदाज़ में कहा कि, फ़ैसला लिखा हुआ रखा है पहले से ख़िलाफ़
आप क्या ख़ाक अदालत में सफ़ाई देंगे,
पिछली सफ़ में ही सही है तो इसी महफ़िल में,
आप देखेंगे तो हम क्यूँ न दिखाई देंगे।
पत्रकार देवेश मिश्रा का कहना हैं कि, ज़ाकिर के काम को हम सब कई सालों से देख रहे हैं वो बहुत ईमानदारी से अपना काम करते हैं. उन्हें ईमानदार होने की सजा मिली है।