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मुजफ्फरनगर: मंदिर के पास फूल बेच रहें मुस्लिम युवक को धार्मिक आधार पर किया प्रताड़ित, समर्थन में आए हिंदू, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

मुजफ्फरनगर शहर में शिव चौक पर समीर नामी एक शख्स फूल बेचता है। उनके बेचे हुए बेचे फूल मंदिर में विराजमान देवी-देवताओं की मूर्तियों पर चढाए जाते हैं।

समीर का कहना है कि कई रोज़ से कुछ युवक आकर उसे उसकी दुकान हटाने के लिए कह रहे हैं, उसे उसके मुसलमान होने की वजह से परेशान कर रहे हैं। समीर अपने परिवार की तीसरी पीढी का युवक है, जो इसी जगह पर अपने पुश्तैनी दुकान को सँभाल रहा है।

वह हर सुबह अपनी साइकिल पर फूल रखकर लाता है और उन्हें बेचता है। लेकिन अब उसके साथ बदतमीज़ी की जा रही है, विडंबना यह है कि यह बदतमीज़ी उसके धर्म की वजह से की जा रही है।

समीर ने मुजफ्फरनगर के समाजसेवी मनीष चौधरी से मिलकर बताया कि उनके दादा और पिता बीते 40 वर्षों से शिव चौक पर साइकिल के सहारे फूल और माला बेचते आ रहे हैं।

समीर का कहना है कि अब जब उनके पिता बुजुर्ग हो गए हैं, तो वह खुद यह काम संभाल रहे हैं। लेकिन कुछ समय से कुछ लोग उन्हें दुकान लगाने से रोक रहे हैं और वहां से हट जाने के लिए दबाव बना रहे हैं।

समीर ने बताया कि उनकी दुकान पक्की नहीं है, वो केवल एक साइकिल पर बैठकर फूल बेचते हैं। उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि उन्हें धर्म और नाम पूछकर वहां से हटने के लिए कहा जा रहा है। समीर का कहना है कि यह रोज़गार उनका पारिवारिक पेशा है, जिससे उनका गुजारा होता है।

मनीष चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम सिर्फ यह चाहते हैं कि समीर और उनके जैसे अन्य लोग, जो वर्षों से मेहनत से रोज़गार कर रहे हैं, उन्हें बिना किसी भेदभाव के काम करने दिया जाए। रोज़गार सबका अधिकार है, और किसी का नाम या धर्म पूछकर उसे काम से हटाना न संविधान की भावना के अनुरूप है, न ही इंसानियत के।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि समीर या उनके पिता के साथ जबरदस्ती की गई तो वे अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शिव चौक पर शांतिपूर्ण धरना देंगे। इसके अलावा उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित की बात सुनी जाए और सुरक्षा दी जाए।

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