कोरोना के शुरुआती दौर में देश की मेन स्ट्रीम मीडिया ने कोरोना के लिए तब्लीगी जमात को ज़िम्मेदार ठहराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इतना ही नहीं बल्कि तब्लीगी जमात वालों को कोरोना बम और जाहिल जमाती भी कहा गया।
अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए सरकार ने भी जमातियों को निशाना बनाया। जगह जगह छापेमारी की गई। सैंकड़ों बेकसूर जमातियों को गिरफ्तार किया गया। उनका मीडिया ट्रायल भी हुआ। इसका खामियाजा देश के तमाम मुसलमानों को भुगतना पड़ा। कई जगह जमातियों के साथ साथ मुसलमानों पर हमले भी हुए।
कई महीनों बाद मुंबई हाई कोर्ट ने जमातियों को रिहाई का आदेश देते हुए सरकार को फटकार भी लगाई। कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि सरकार ने जमातियों को निशाना बनाकर फँसाया है। मुंबई हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कई जमातियों के रिहाई के आदेश दे दिया। अब लगभग सारे जमती जेल से बाहर हैं। सरकार की साज़िश की भी पोल खुल गई है।
जमातियों को लेकर भ्रामक खबरें चलाने को लेकर नेशनल ब्राडकास्टिंग स्टैण्डर्ड ऑथोरिटी (NBSA) ने भी सख्त रवैया अपना लिया है। अभी कुछ दिनों पहले ही नेशनल ब्राडकास्टिंग स्टैण्डर्ड ऑथोरिटी ने तीन बड़े न्यूज़ चैनलों के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए लाइव शो में माफी मांगने का आदेश दिया था।
आज फिर NBSA ने आज तक न्यूज़ चैनल के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए आज तक को सख्त चेतावनी देते हुए फटकार लगाई है। साथ ही तब्लीगी जमात से जुड़ी हुई तमाम भ्रामक खबरों को हर जगह से डिलीट करने के लिए 7 दिनों का समय दिया है।
दरअसल 5 अप्रैल 2020 को फारूख इमाम नाम के व्यक्ति द्वारा दायर कंप्लेंट की सुनवाई करते हुए NBSA ने ये पाया कि आज तक ने तब्लीगी जमात को लेकर भ्रामक प्रचार किया है।
दरअसल फारूख इमाम ने अपनी शिकायत में ये कहा था कि आज तक ने 7 बजे के अपने शो में ये दावा किया था कि दिल्ली में कोरोना के 445 में से 403 मरीजों का ताल्लुक कहीं न कहीं तब्लीगी मरकज़ से था। आज तक ने ये भी बताया कि कोरोना मरीजों में 90% मरीजों का ताल्लुक जमात के लोगों में से था। जबकि 503 मरीजों में 320 का ताल्लुक ही मरकज़ से था। इस हिसाब से भी अगर जोड़ा जाए तो मात्र 63% ही होता है।
फारूख इमाम द्वारा दायर शिकायत के जवाब में आज तक ने NBSA को कहा है कि उन्होंने वही आंकड़ा दिखाया है जो सरकार ने जारी किए थे। ये हो सकता है कि कैलकुलेशन में ग़लती हो गयी हो।
इसपर NBSA ने आज तक को फटकार लगाते हुए कहा है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और इसे किसी भी जाति या धर्म के खिलाफ कोई भेदभाव रवैया अपनाने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए आज तक ने जितनी भी वीडियो तब्लीगी जमात की भ्रामक खबरों को दिखाया है उसको हर प्लेटफार्म से 7 दिनों के अंदर हटा दे।
Finally NBSA directs @aajtak to immediately take down all the video of said broadcast for violating journalistic ethics while reporting Tablighi Jamaat Matter, on the complaint filed by our team member @frq_imam. A tight slap on godi media by #NBSA.
Order: https://t.co/5LURWzfCa2 pic.twitter.com/5F7RW9qx9A— Dr. Maskoor Usmani (@MaskoorUsmani) June 25, 2021