मुस्लिम नौजवानों को झूठे आरोपों में फंसाकर गिरफ़्तार करने का सिलसिला लगातार ज़ारी हैं. ताज़ा मामला राजधानी दिल्ली का हैं।
पुलिस ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र मौहम्मद शोएब को झूठे आरोपों में फंसाकर 9 दिन के अंदर दो बार गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
पुलिस का आरोप हैं कि, छात्र शोएब प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का सदस्य हैं तथा संगठन का प्रचार करता हैं, उनके पास से पीएफआई के झंडे भी बरामद हुए हैं।
आर्टिकल 14 की रिर्पोट के मुताबिक, शोएब को 27 सितंबर को शाहीन बाग से सुबह 3 बजे पुलिस ने हिरासत में लिया था. जिसके बाद 28 नवंबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय खानगवाल ने शोएब को ज़मानत दे दी थीं।
जज ने शोएब को जमानत देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के पास प्रयाप्त सबूत नहीं हैं, जब आरोपी व्यक्ति 27.09.2022 से हिरासत में हैं और 4 अक्टूबर 2022 तक तिहाड़ जेल में हैं तो आरोपी व्यक्ति ने ऐसी गतिविधियों को कैसे अंजाम दिया?
आपको बता दे कि शोएब को मजिस्ट्रेट ने हिरासत में लेने के आठ दिन बाद रिहाई का आदेश दे दिया था, लेकिन शोएब ने अदालत को बताया कि उन्हें तिहाड़ जेल से कभी रिहा ही नहीं किया गया था. वह रिहाई के बाद भी जेल में ही थे।