दिल्ली में लगातार कोरोना वायरस के मामले घट रहें तथा अब धीरे-धीरे बिमारी का खतरा कम होता जा रहा हैं। हालत सामान्य हो गए है सब कुछ खुल गया हैं।
ऐसे में कोरोना वायरस के नियमों के उल्लघंन के आरोप में पुलिस द्वारा दरगाह हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया को बंद करने का नोटिस देना बहुत सारे सवाल खड़े करता हैं।
पुलिस का कहना हैं कि दरगाह में कोरोना वायरस के नियमों के उल्लघंन हो रहा है इसलिए हमनें दरगाह को बंद करने का नोटिस ज़ारी किया है।
पुलिस ने दरगाह के जिम्मेदारों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा हैं कि कल से दरगाह को बंद कर दिया जाएं और अगर ऐसा नहीं किया तो सब के ऊपर मुक़दमा दर्ज होगा।
दिल्ली पुलिस की इस कार्यवाही से हज़रत निज़ामुद्दीन बस्ती के लोग काफ़ी परेशान हैं तथा उन्होंने पुलिस की कार्यवाही पर सवाल खड़े किए हैं।
बस्ती के लोगों का कहना है पूरी दिल्ली खुली हुई हैं बाज़ार खचा-खच भरे रहते हैं लोग बिना मास्क के बाजारों में घूमते हैं सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं।
रोजाना राजनीतिक रेलियां और धरने प्रदर्शन होते हैं जहां हजारों की भीड़ जमा होती हैं. वहा एक भी आदमी मास्क लगा कर नहीं आता हैं उसके बावजूद उनपर कार्यवाही नहीं होती हैं।
लोगों का कहना हैं कि दरगाह हज़रत निज़ामुद्दीन पर पुलिस की कार्यवाही भेदभाव पूर्ण लगती हैं अगर पुलिस हमारे साथ भेदभाव नहीं कर रही हैं तो ये लोग राजनीतिक रैलियों को क्यों नहीं रोक रहें हैं।
क्या राजनीतिक रैलियों, धरना प्रदर्शन, और बाजारों में पहुंचने वाली भीड़ से कोरोना वायरस नहीं फेल रहा हैं। बाजारों में बढ़ती भीड़ को देख कर क्या पुलिस ने कोई बाज़ार बंद किया हैं।