राफेल लड़ाकू विमान डील को लेकर भारत के साथ-साथ फ्रांस में भी काफ़ी हंगामा चल रहा है। पेरिस की एक अदालत में 22 अप्रैल को इस डील में हुआ भ्रष्टाचार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पेरिस के ज्यूडिसियल कोर्ट में नरेन्द्र मोदी सरकार और द साॅल्ट कंपनी के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमान डील के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गयी है।
फ्रांस के मशहूर अखबार “ली मूंड” की वेबसाइट पर छपे लेख के अनुसार फ्रांस के एक गैर सरकारी संगठन (NGO) एसोशेरपा ने अदालत में इस डील के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई है जिसमें दोषी को “एक्स” कहकर पुकारा गया है। उनका कहना है कि अब जज और अदालत यह तय करेंगी कि एक्स कौन है?
इस केस से जुड़े एक वकील के अनुसार “एक्स” हिन्दुस्तान या द साॅल्ट में से कोई भी हो सकता है। एक्स के खिलाफ डील में भ्रष्टाचार,मनी लॉन्डरिंग एवं जानकारी छुपाने जैसे इल्जाम लगें है।
ली मूंड के अनुसार राफेल डील को लेकर नैशनल फाइनेंशियल प्रोसीक्यूटर के पास इससे पहले भी 2018,2019 में दो बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन दोनों बार मामले को बिना कार्यवाही के बंद कर दिया गया।
लेकिन इस बार भ्रष्टाचार विरोधी संगठन द्वारा शिकायत की गई है ताकि मामलें की जांच शुरू हो सकें। शिकायतकर्ता गैर सरकारी संगठन (NGO) एसोशेरपा के अनुसार इस मुकदमें का मकसद भारत की नरेन्द्र मोदी सरकार और द साॅल्ट के बीच 7.9 बिलियन यूरो की डील के ऊपर से पर्दा उठाना है।