मुसलमानों को बदनाम करने के लिए आजकल फेक न्यूज़ बड़े पैमाने पर फैलाई जा रहीं हैं. जिसके कारण लगातार मुसलमानों को निशाना बनाया जाता है, हमने देखा हैं कि इस प्रकार की ज्यादातर खबरें कथित राष्ट्रवादी मीडिया संस्थान या हिंदुत्व समर्थित मीडिया संस्थान चलाते हैं।
ताज़ा मामला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की पत्रिका पाञ्चजन्य से जुड़ा हैं. हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रेप के एक आरोपी की सज़ा कम करते हुए कहा कि, “बलात्कारी दयालु हैं क्योंकि उसने लड़की को जिंदा छोड़ दिया।”
जिस बलात्कारी के बारे में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यह टिप्प्णी की थीं उसका नाम “राम सिंह” था. लेकिन आदत से मजबूर आरएसएस की पत्रिका पाञ्चजन्य ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए कहा कि, “मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रेप के दोषी मौहम्मद फिरोज़ की मौत की सज़ा को उम्र कैद में बदला. कहा, दयालु था फिरोज, लड़की को ज़िंदा छोड़ दिया।”
जबकि असल में जिस बलात्कारी की सज़ा कम हुई उसका नाम राम सिंह था. लेकिन पाञ्चजन्य ने मुसलमानों को बदनाम करने के मकसद से बलात्कारी का नाम मौहम्मद फिरोज़ लिख दिया. ताकि लोग मुसलमानों को निशाना बनाए और उनपर तंज कसे।
पाञ्चजन्य द्वारा मुसलमानों को बदनाम करने की नियत से चलाई गईं फर्जी ख़बर का सच बयान करते हुए पत्रकार काशिफ़ काकवी ने कहा कि, पाञ्चजन्य का झूठ, कनविक्ट का नाम “फिरोज़” नहीं “राम सिंह” हैं. कोर्ट ने राम सिंह को उम्रकैद की सजा दी थी मौत की नहीं. राम की वकील शर्मिला शर्मा हैं. उन्होंने कोर्ट से उसे छोड़ने की गुहार लगाई थी. संघ के ग्रुपों में चलने वाले झूठ को सच समझ कर बेचारे ने ट्वीट कर दिया।
आपको बता दें कि, चारों तरफ़ आलोचना होती देख, पाञ्चजन्य ने इस ख़बर को काफ़ी देर बाद डिलीट कर दिया।