समाजवादी पार्टी के नेता एवं MLC स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं, शिवेंद्र मिश्रा की शिकायत के आधार पर लखनऊ में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया हैं।
करोड़ों लोगों के आराध्य भगवान राम की कथा रामचरितमानस के कुछ अंशों पर टिप्पणी करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने उसे दलितों और वंचितों के खिलाफ बता दिया बल्कि घर-घर में पढ़ी जाने वाली रामचरितमानस को लेकर ये तक कह दिया कि उसे करोड़ों हिंदू नहीं पढ़ते बल्कि तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजनीतिक दलों और हिंदू संगठनों की तरफ से स्वामी के खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग की जा रही थी, जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लिया है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस भी एक्शन की तैयारी में है।
हालांकि उन्होंने एक दिन पहले ही कहा था कि वे अपने बयान पर कायम हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से पल्ला झाड़ लिया है, शिवपाल सिंह यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को उनका निजी बयान बताया हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौर्य के बयान से नाराज हैं।
लखनऊ के हजरतगंज थाने में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज हुआ है. ये केस बाजार खाला के निवासी शिवेंद्र मिश्रा की तहरीर पर दर्ज हुआ है।
पुलिस के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए, 298, 504 और 153 के तहत केस दर्ज किया गया है।