उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (SP) के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हराने के लिए बन रहें गठबंधन में अखिलेश यादव ने एक भी मुस्लिम पार्टी को शामिल नहीं किया।
हाल ही में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने आवास पर अपने सहयोगी दलों की मीटिंग बुलाई थीं. जिसमें राष्ट्रीय लोक दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी, तथा महान दल समेत अन्य पार्टियों के नेता मौजूद थे।
लेकिन इस गठबंधन में उत्तर प्रदेश की 20 फ़ीसदी आबादी से संबंध रखने वाले किसी भी राजनीतिक दल को शामिल नहीं किया।
अखिलेश यादव ने मीटिंग में मौजूद नेताओं के साथ तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि “सपा के सभी सहयोगी दलों के शीर्ष नेतृत्व के साथ आज हुई उत्तर प्रदेश के विकास और भविष्य की बात।”
सपा के सभी सहयोगी दलों के शीर्ष नेतृत्व के साथ, आज हुई उत्तर प्रदेश के विकास और भविष्य की बात… pic.twitter.com/pNg08i0rPQ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 12, 2022
अखिलेश यादव के इस ट्विट पर सोशल एक्टिविस्ट जफर सैफी का कहना हैं कि “इस फोटो फ्रेम में किसी मुस्लिम लीडरशिप का न होना मुसलमानो की राजनैतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है. अगर एआईएमआईएम, राष्ट्रीय उलमा काउंसिल और पीस पार्टी मिलकर चुनाव लड़ती तो इत्तेहाद का बड़ा पैगाम बाहर आता. फिर अखिलेश यादव के लिए मुसलमानो को इस तरह इग्नोर करना आसान नहीं रहता।”
इस फोटो फ्रेम में किसी मुस्लिम लीडरशिप का न होना मुसलमानो की राजनैतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है.
अगर @aimim_national, @RUConline, @peacepartyup मिलकर चुनाव लड़ती तो इत्तेहाद का बड़ा पैगाम बाहर आता. फिर @yadavakhilesh के लिए मुसलमानो को इस तरह इग्नोर करना आसान नहीं रहता. pic.twitter.com/RkivrnrSKZ— Zafar Saifi (@ZafarSaifii) January 12, 2022