सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव इलियास मोहम्मद थुम्बे ने हाल ही में महाराष्ट्र और बिहार में गौरक्षकों द्वारा दो मुसलमानों की निर्मम हत्या पर गहरा रोष और कड़े शब्दों में आक्रोश व्यक्त किया है।
अफान अब्दुल अंसारी और मोहम्मद जहीरुद्दीन गाय के नाम पर हो रही संघ परिवार की गुंडागर्दी के नवीनतम शिकार बने. अपने गरीब परिवार के लिए कमाने वाले अंसारी की गोरक्षकों ने उस वक़्त बेरहमी से हत्या कर दी जब वह महाराष्ट्र के संगमनेर में एक विक्रेता से मांस लेकर जा रहा था. उनके सह-यात्री नासिर हुसैन पर भी गंभीर हमला किया गया और सिर पर गंभीर चोट लगने से उनकी हालत गंभीर है। इसी तरह बिहार में मारा गया मोहम्मद ज़हीरुद्दीन जानवरों की हड्डियों को एक पंजीकृत कारखाने में ले जा रहा था जो उन्हें दवाई बनाने के लिए उपयोग करती है।
एक तरफ प्रधानमंत्री अमेरिका में चीख चीख कर कहते हैं कि उनके देश में धार्मिक भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है, जबकि देश में उनके अनुयायी धर्म के नाम पर लोगों पर शारीरिक हमला कर उनकी हत्या कर रहे हैं. ये हमले और हत्याएं या तो जयश्रीराम के नाम पर हो रही हैं या फिर गाय के नाम पर।
यह भाजपा नेतृत्व वाली सरकारों के लापरवाह रवैये और जानबूझकर दी गई सहमति है का ही नतीजा है जो कि संघी अपराधियों को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों, विशेषकर मुसलमानों के खिलाफ अपनी गुंडागर्दी जारी रखने के लिए खुली छूट और दुस्साहस प्रदान करता है।
जब तक सरकारें लोकतांत्रिक मूल्यों और न्याय के आधार पर नहीं चलेंगी, ये गुंडागर्दी ख़त्म होने वाली नहीं है. समाज में कभी कभार होने वाली गौरक्षकों की हिंसा, 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद अब मुख्यधारा में आ गई है।
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, किसी भी शांतिप्रिय समूह और शांतिप्रिय नागरिकों की तरह, संघ परिवार के गौ रक्षकों के बेरोकटोक आतंक से बेहद चिंतित है जो कि कानून को अपने हाथ में लेकर देश के अमन-चैन को बर्बाद कर रहे हैं. थुम्बे ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकारें अपनी नींद से जागें और गौ रक्षकों द्वारा फैलाई इस अराजकता पर लगाम लगाने के लिए दोषियों को सख्त से सख्त सजा देना शुरू करें।