बिहार में कोसी नदी और गंडक नदी उफान पर है। जिसके चलते लगभग आधा बिहार बाढ़ की चपेट में आ गया है। बिहार का पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण समेत मुजफ्फरपुर और शिवहर ज़िला भी बुरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गया है।
लाखों लोगों को अपने घरों को छोड़कर विस्थापित होने की नौबत आ गयी है। हज़ारों किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गई है।
बिहार में इस तरह की स्थिति लगभग हर वर्ष पैदा होती है। हर बार बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा के नाम पर मुख्यमंत्री हवाई यात्रा करते हैं। मुआवज़े के लिए सरकार कुछ करोड़ रुपए आवंटित करती है और फिर इन रुपए का अधिकारी बंदर बांट करते हैं।
हर बार की तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हेलीकॉप्टर के ज़रिए कई जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम को हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने पिछले 7 तारीख को कई जिलों का दौरा किया।
मुख्यमंत्री के इन हवाई सर्वेक्षण के क्या नतीजा निकलेगा ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा लेकिन विपक्ष के नेता तेज प्रताप ने मुख्यमंत्री को पहले ही बता दिया कि हवाई सर्वेक्षण से कुछ नहीं होता है। जनता का दुख बांटना है तो जनता के बीच जाना पड़ता है।
बिहार के समस्तीपुर ज़िले में तेजस्वी यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र हसनपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। तेज प्रताप यादव ने अपने समर्थकों के साथ नाव पर बैठकर खुद ही बाढ़ प्रभावित इलाक़ों का दौरा किया।
अपने अलग अलग अंदाज के लिए जाने जाने वाले तेजप्रताप यादव ने खुद ही नाव के ज़रिए तमाम बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की, उनका हाल चाल जाना और मदद का आश्वासन भी दिया।
तेज प्रताप यादव ने वीडियो कॉल के ज़रिए बाढ़ पीड़ितों का हाल अपने पिता लालू यादव को भी दिखाया। उन्होंने लालू यादव से कई लोगों की बात भी करवाई।
तेज प्रताप का ये अंदाज लोगों को खूब पसंद आ रहा है। और लोग सोशल मीडिया पर तेज प्रताप यादव की खूब तारीफ कर रहे हैं।
सादगी की मिसाल है तेज प्रताप यादव।।
अपने विधानसभा क्षेत्र हसनपुर भ्रमण के दौरान एक भैंस चराने वाले अपरिचित व्यक्ति से एका-एक अपना क़ाफ़िला रुकवाया और नदी के किनारे जा कर मा. श्री लालू प्रसाद से Video Call पर बात करवाया..। pic.twitter.com/UeZingSJ0O
— Sonu Kumar (@sonalyadavrjd) July 10, 2021
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हेलीकॉप्टर दौरे के 2 दिन बाद ही तेजप्रताप का ये ज़मीनी दौरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को साफ संदेश है कि हवाई दौरा केवल हवाई जुमला है। अगर लोगों का दुख बांटना है तो ज़मीन पर उतरकर लोगों के दुख दर्द में शामिल होना पड़ता है।