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केंद्र सरकार एक षड़यंत्र के तहत UCC को लागू करके देश के मुसलमानों, अल्पसंख्यकों एवं आदिवासियों के मौलिक अधिकार छीनना चाहती हैं: अबू आसिम आजमी

केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने की योजना का पूरे देश में जमकर विरोध हो रहा हैं।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) इस मुद्दे पर शुरू से मुखर रहा हैं तथा हर प्रदेश में इसके विरोध को लेकर आम जन और नेताओं से मुलाकात की जा रहीं हैं।

हाल ही में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के शिष्टमंडल ने मुंबई में सपा विधायक अबू आसिम आजमी से मुलाक़ात कर उनको ज्ञापन सौंपा हैं।

इस शिष्टमंडल में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड महाराष्ट्र के मौलाना मेहमूद खान दरियाबादी (कन्वेनर), सलीम मोटरवाला, मोनिसा बुशरा अबेदी, शिया उलेमा कौंसिल के मौलाना रूही ज़फर साहब, उलेमा कौंसिल के मौलाना अनीस अहमद अशरफी, अंजुमने इस्लाम मुंबई के अध्यक्ष डॉ ज़हीर काज़ी, मुंबई अमन कमिटी के फरीद शेख, जमाते इस्लामी के अब्दुल हसीब भटकर और मोहम्मद शाकिर शामिल थे।

मुस्लिम उलमाओं द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध के साथ-साथ मुस्लिम धार्मिक स्थलों एवं वक़्फ़ संपत्तियों की रक्षा व उनपर किए गए अवैध अतिक्रमण हटाने की भी मांग की गई।

इस मुलाक़ात पर अबू आसिम आजमी का कहना हैं कि, केंद्र सरकार द्वारा बार-बार यूनिफार्म सिविल कोड का ज़िक्र कर एवं इसको एक षड़यंत्र के तहत लागू करके देश के मुसलमानों, अल्पसंख्यकों एवं आदिवासियों के मौलिक अधिकारों को छीनना चाह रही है।

हम भारत के मुसलामनों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को अपनी अपनी पहचान के साथ एकजुट रहने और अपने अपने धार्मिक कानूनों के मुताबिक जीने के मौलिक अधिकार के लिए एवं केंद्र सरकार की सांप्रदायिक साजिश के खिलाफ आखरी दम तक लड़ते रहेंगे।

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