विश्व गुरु बनने का सपना देखने वाले एवं विदेशों में भारत का डंका बजने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से ज़ोरदार झटका लगा हैं।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) द्वारा एक ताज़ा रिर्पोट ज़ारी की गईं हैं, जिसमें कहा गया हैं कि भारत धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनकी ओर से आवाज उठाने वालों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशाना बना रहा है।
आयोग का कहना है कि, विदेशों में सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों को चुप कराने के भारत सरकार के हालिया प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरा हैं. इसलिए हम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन से भारत को विशेष चिंता वाले देश का दर्जा देने की मांग करते है।
द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक़, USCIRF के आयुक्त स्टीफन श्नेक का कहना है कि, कनाडा में सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की कथित संलिप्तता और अमेरिका में खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश बेहद परेशान करने वाली हैं।
भारत सरकार अपने देश और विदेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को चुप कराने के भारत के प्रयासों में गंभीर वृद्धि देखी गईं हैं।
इसके अलावा आयोग के एक अन्य सदस्य का कहना है कि, अपनी सीमाओं के भीतर भी भारत सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं की आवाज़ दबाने के लिए बार-बार गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और धर्मांतरण विरोधी जैसे कठोर कानूनों का इस्तेमाल कर रही है।