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वतन समाचार ने किया सीरत कॉन्फ्रेंस का आयोजन, वक्ता बोले- ईश्वर के अंतिम दूत (मुहम्मद साहब) गरीबी और घमंड का अंत चाहते थे

दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में मशहूर डिजिटल प्लेटफॉर्म वतन समाचार द्वारा “मानवता के नाम प्यार का संदेश” शीर्षक से एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया।

इस सम्मेलन में प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. कौसर उस्मान, प्रसिद्ध उद्योगपति डॉ. मुहम्मद तारिक सिद्दीकी, सूफी संत मुफ्ती किताबुद्दीन रजवी, हाजी अब्दुल हैदर, प्रसिद्ध व्यवसायी अहमद रजा, शिक्षाविद् और चार्टर्ड अकाउंटेंट कमाल फारूकी और प्रसिद्ध हकीम सैयद अहमद खान ने संयुक्त रूप अपने संबोधन में पैगंबर (सल्ल.) के जीवन पर विस्तार से बात की और दुनिया से उनकी जीवनी पढ़ने और उसका पालन करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि पैगंबर की शिक्षाएं धीरे-धीरे हमारे बीच से गायब होती जा रही हैं, उन्होंने कहा कि आप पूरी इंसानियत के लिए रहमत थे और आपकी पैग़म्बरी उन लोगों के लिए है जो आपको स्वीकार करते हैं और उनके लिए भी आप की दया और प्यार है जो आपको किसी वजह से पहचान नहीं सके, लेकिन यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उनकी कहानियों को लोगों को बतायें, ताकि शांति स्थापित हो और सिसकती हुई मानवता को जिस शांति की आवश्यकता है वह उसे उपलब्ध करायी जा सकती है।

उन्होंने कहा कि पैगंबर ने उन लोगों से कभी बदला नहीं लिया जिन्होंने उन्हें मारने की साजिश रची थी, उन्होंने उन लोगों के लिए सच्चे रास्ते की प्रार्थना की जिन्होंने इस्लाम को खत्म करने और पैगंबर की शिक्षाओं को उखाड़ फेंकने के लिए पूरी ताक़त लगा दी, जिन्होंने सभी प्रकार का दुख दिया आप ने उन के लिए अपने साथियों को केवल धैर्य रखने और ईश्वर (अल्लाह) के आभारी रहने के लिए प्रोत्साहित किया। और अपने दुश्मनों के साथ प्यार से पेश आनने की बात की, जो लोग इस पैगम्बर की उम्मत होने का दावा करते हैं उनमें ये गुण गायब हैं।

डॉ. कौसर उस्मान ने कहा कि जिस पैगम्बर का गुरु अल्लाह है और जिस कुरान की शुरुआत इक़रा से हुई, आज उस के अनुयायी उस से कोसों दूर हैं। उन्होंने कहा कि हम धर्म का सही अर्थ तभी समझ सकते हैं जब हम दुनिया से गरीबी को मिटाने का प्रयास करेंगे और अपने अहंकार को खत्म करने पर काम करें।

तारिक सिद्दीकी ने इस बात पर जोर दिया कि हमें रसूलुल्लाह की वित्तीय प्रणाली को समझने की जरूरत है जहां धन का संचलन लगातार जारी रहता है और धन को एक जगह जमा करने या उसकी बर्बादी को सख्ती से रोका जाता है। एमजे खान ने धर्म की आवश्यकताओं को समझने पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि अगर हमें पायलट बनना है तो इसके लिए ट्रेनिंग की जरूरत है, हमारी नमाज, रोजा ये चीजें अल्लाह के हक से हैं, लेकिन जो चीजें मनुष्यों से जुडी हैं इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है, मुफ्ती किताबुद्दीन रजवी ने कहा कि रसूलुल्लाह ने जिस तरह अछूतों, गरीबों, मजदूरों और असहाय लोगों को गले लगाया, इस अध्याय को फिर से पढ़ने की जरूरत है.

कार्यक्रम का संचालन वतन समाचार के संपादक मुहम्मद अहमद ने किया जबकि आईआरएस (र) अबरार अहमद, विजय शर्मा, विक्की मिश्रा, तनवीर सिद्दीकी, शैलेश सिन्हा, अवतार सिंह, इंजीनियर फिरोज मुजफ्फर हनाफी, इंजीनियर फिरोज, अधिवक्ता इमरान शैख़, शहजाद अली इदरीसी, यामीन भाई, शारिक खान, शारिक अदीब अंसारी, डॉ. ताजुद्दीन अंसारी, सैयद फौज़ुल अजीम सहित लोग शामिल हुए, जबकि डॉ. सैयद अहमद खान, डॉ. प्रो. बदरुल इस्लाम, एम. जमाल खान, एडवोकेट ज़ाकिर कोटा, मुहम्मद गुलाब (पंजाब), राजा अंसारी सहित कई लोगों को वतन के रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया.

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