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जब 9 मामलों में जमानत मिल गई तो एक में क्यों नहीं? ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस से पूछा कि आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद और UAPA के तहत विचाराधीन कैदी ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगे से जुड़े एक भी मामले में जमानत क्यों नहीं दी गई, जबकि हिंसा के सिलसिले में उसके खिलाफ इसी तरह के नौ अन्य मामलों में जमानत मिल गई है।

न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने पूछा कि वह स्थायी जमानत के गुण-दोष पर न्यायालय को संबोधित करने के बजाय अंतरिम जमानत क्यों मांग रहे हैं।

न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने पूछा, “हमने गुण-दोष के आधार पर सुनवाई की है और यदि हम सहमत हैं तो हम अंतरिम जमानत क्यों नहीं दे सकते और यदि नहीं तो नियमित जमानत क्यों नहीं दे सकते… अन्य सभी 9 मामलों में जहां उन पर यही आरोप हैं, उन्हें जमानत दी गई है और फिर इस मामले में क्यों नहीं।”

अदालत ताहिर हुसैन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उम्मीदवार के रूप में आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने और प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी।

आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था।

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