पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता संजीव भट्ट ने उनकी रिहाई की मांग को लेकर एक लंबी और भावुक पोस्ट लिखी है।
उन्होंने कहा कि संजीव भट्ट को सच बोलने की हिम्मत दिखाने की वजह से पिछले 7 साल (2555 दिन) से जेल में बंद रखा गया है, जबकि असल अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं।
श्वेता भट्ट ने लिखा— “आज मुझे सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि हम बतौर राष्ट्र कब यह भूल गए कि असल मायने किस बात के हैं? कब एक तानाशाह की नाज़ुक अहंकार की ख़ातिर देश की आत्मा को कुर्बान कर दिया गया?”
उन्होंने आरोप लगाया कि ईमानदार आवाज़ों और साहसी लोगों को जेलों में कैद कर दिया गया है और न्यायपालिका सत्ता की कठपुतली बनकर रह गई है।
“संजीव का केवल यही अपराध था कि उन्होंने सत्ता के सामने सच बोला। सात साल से बलात्कारी, हत्यारे और भीड़ हिंसा करने वाले तो खुले घूम रहे हैं, लेकिन एक ईमानदार अफसर जेल में है।”
श्वेता भट्ट ने जनता से अपील की कि डर और चुप्पी तोड़ें और इस लड़ाई में साथ आएं:
“यह शासन डर और चुप्पी पर जिंदा है। लेकिन क्या हम उन्हें यह यक़ीन दिला देंगे कि हम कायर हैं? वक्त आ गया है कि हम दिखाएं कि संजीव अकेले नहीं हैं।”
उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि देश उन नायकों को याद रखे, जो अपने परिवार, अपनी आज़ादी और अपने भविष्य की क़ुर्बानी देकर सच का साथ दे रहे हैं।
“अगर कभी सच बोलने वालों की हिफाज़त करनी है, तो वह समय अब है… अगर कभी इस देश की आत्मा को बचाना है, तो वह समय अब है।”