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यति नरसिंहानंद ने की पैगंबर मुहम्मद साहब की शान में आपत्तिजनक टिप्पणी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई की मांग की

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा पैगंबर मुहम्मद साहब की शान में की गई अपमानजनक और हृदय विदारक टिप्पणी के खिलाफ़ जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के खिलाफ निंदनीय और शर्मनाक बातों वाला वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इसे एक गैर मुस्लिम व्यक्ति ने अपने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) हैंडल ‘सनातन उषादल’ से पोस्ट किया है।

वीडियो में कही गई बातें असहनीय और बेहद निंदनीय हैं, जिससे दुनिया भर के मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने अपने पत्र में यति नरसिंहानंद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और इसे राष्ट्रीय अखंडता के लिए गंभीर खतरा बताया है।

मौलाना मदनी ने पत्र में इस बात पर जोर दिया कि यति नरसिंहानंद नफरत फैलाने वाला व्यक्ति है, जो बार-बार इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ जहर फैलाता है। लेकिन इस बार उसने सारी हदें पार कर दी हैं, जिसे किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

यह बयान न केवल मुसलमानों की भावनाओं का अपमान है, बल्कि यह एक सोची-समझी योजना के तहत सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश है, जिससे देश की शांति और स्थिरता प्रभावित हो सकती है।

मौलाना मदनी ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग की है, साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक वीडियो को बिना देरी किए हटाया जाए और ऐसी सामग्री के प्रसार के लिए इन प्लेटफॉर्म को कानूनी रूप से जवाबदेह ठहराया जाए।

मौलाना मदनी ने यह भी मांग की कि नफरत फैलाने वाले भाषणों को रोकने के लिए निगरानी प्रणाली स्थापित की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति या समूह धार्मिक हस्तियों या समुदायों को निशाना बनाकर देश की शांति को नष्ट न कर सके।

मौलाना मदनी ने कहा कि भारत का संविधान हर धर्म का सम्मान करने की गारंटी देता है और इस तरह के अभद्र भाषा और बयान न केवल कानूनी दृष्टिकोण से अपराध हैं, बल्कि नैतिक रूप से भी निंदनीय हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार तुरंत कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो वह ऐसे तत्वों के लिए दुस्साहस करेगी।

इसलिए सरकार को इस मामले में नरमी न बरतते हुए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि स्पष्ट संदेश जाए कि धार्मिक अपमान और अभद्र भाषा किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा, इस पत्र की एक प्रति गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को भी भेजी जाएगी।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने गाजियाबाद के स्थानीय पुलिस अधिकारियों से फोन पर बात की है और कल मुलाकात का समय भी मांगा है।

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