हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के बाद भारत में बढ़ी मुस्लिम विरोधी हिंसा को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने गहरी चिंता ज़ाहिर की है।
सीपीआई (एम) की पोलित ब्यूरो ने तीन सप्ताह के दौरान हुई मुस्लिम विरोधी हिंसा की घटनाओं को सूचीबद्ध किया है, जिसमें हिंदुत्ववादी भीड़ द्वारा मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया है।
पार्टी की तरफ से ज़ारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बैलों का परिवहन कर रहे तीन मुस्लिम लोगों को गौ तस्कर बताकर तथाकथित गौरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी। अलीगढ़ में चोरी के आरोप में एक मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
इसके अलावा मध्य प्रदेश के मंडला में फ्रिज से ‘गोमांस’ बरामद होने की कथित रिपोर्ट के बाद 24 घंटे के भीतर मुसलमानों के ग्यारह घरों को ध्वस्त कर दिया गया।
सीपीआई (एम) ने गुजरात, हिमाचल प्रदेश और अकबरनगर की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि, लोकसभा चुनावों में भाजपा को मिली असफलताओं के बाद सांप्रदायिक हमलों में आई तेजी इस तथ्य को उजागर करती है कि भाजपा और हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक ताकतें नए सिरे से ध्रुवीकरण के अपने प्रयासों को तेज करेंगी।
माकपा पोलित ब्यूरो ने अपनी सभी इकाइयों से भाजपा और अन्य सांप्रदायिक संगठनों की ऐसी बेईमान चालों के प्रति सतर्क रहने का आह्वान करते हुए अपने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि, इस प्रकार की घटनाओं के ख़िलाफ़ देशभर में विरोध प्रदर्शन करें।