अल्पसंख्यक समाज के धर्मगुरुओं के साथ भारतीय जनता पार्टी के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल की बैठक पर समाजवादी पार्टी ने सवाल उठाए।
सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने पूछा मंत्री जी, स्कॉलरशिप, बजट, शिक्षा बजट में कटौती, मदरसा वा उर्दू शिक्षक भर्ती में रोक, 6 साल से वेतन में देरी, GST बिजली कमर्शियल रेट से बुनकर परेशान, वक्फ जायदाद पर नाजायज कब्जा, उर्दू मुस्लिम नामो से दुश्मनी, हेट स्पीच का मौन समर्थन, अल्पसंख्यक वित्त निगम पर ताला यही सबका विश्वास है?
2017 के बाद अखिलेश यादव की हकूमत में बेटियो को 20 हज़ार सालाना स्कॉलशिप मिलती थी वो बंद की गई।
प्रदेश में राज्य प्रायोजित दंगो से मुस्लिम समाज को विशेषकर निशाना बनाने का काम किया गया है, आखिर पूरे सूबे में सिर्फ मुसलमान उद्दमियो को ED इनकम टैक्स का वार क्यू झेलना पड़ रहा है?
सपा प्रवक्ता अमीक जामेई आगे कहते हैं कि मुल्क के अजीम समाजवादी नेता आजम खान साहब ने एक विश्विद्यालय बनाया जिसका मकसद था कि गरीब कमज़ोर मुस्लिम वर्ग के 50% बच्चे पढ़ जाए लेकिन योगी सरकार अल्पसंख्यक मुसलमानो को घुटने पर देखना चाहती है जो समाजवादी पार्टी होने नही देगी।
अमीक जामेई ने कहा की हालिया केंद्र सरकार के बजट में देश में अल्पसंख्यक बजट में कटौती बताती है कि आर्थिक शैक्षणिक सामाजिक तौर से पिछड़े अल्पसंखयक के लिए सबका विश्वास का नारा महज दिखावा है. योगी सरकार अल्पसंख्यकों को शिक्षा और रोजगार से वंचित करना चाहती है।