मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की छात्र ईकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों ने झूठी कहानी जड़कर मुस्लिम प्रोफ़ेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ कराने का मामला जोर पकड़ता जा रहा हैं।
ABVP का आरोप है कि कानून के विद्यार्थियों को पढ़ाई जा रही एक किताब में हिंदू समुदाय और आरएसएस के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिनसे धार्मिक कट्टरता को बल मिलता है।
जिसका हवाला देते हुए ABVP के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम प्रोफ़ेसर अमीक खोखर, डॉ. मिर्जा मोजिज बेग, डॉ. फिरोज अहमद मीर, प्रोफेसर सुहैल अहमद वाणी पर एफआईआर दर्ज़ करा दी।
हालांकि सच्चाई कुछ ओर ही हैं, पत्रकार कासिफ काकवी के अनुसार, ABVP से जुड़े 9 छात्रों ने पिछले 2-3 सालों से ना फीस भरी और ना क्लास गए. कुछ महीनों से यूनिवर्सिटी इन पर फ़ीस भरने के लिए दबाव बना रही थी. ABVP के शिकायतकर्ता दीपेंद्र ठाकुर 4 बार फेल होने के साथ उनकी 30K फ़ीस बकाया है. पिछले हफ़्ते आए रिज़ल्ट में वो चौथी बार फेल हो गया।
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उसने दबाव बनाने के लिए पहले 4 मुस्लिम प्रोफ़ेसर के खिलाफ़ झूठी शिकायत की फिर मार्च 2021 में ख़त्म हो चुके कथित हिंदू संगठन विरोधी क़िताब के विवाद को सामने लाकर प्रिंसीपल इनामुर्रहमान पर हिंदू विरोधी होने का इल्ज़ाम लगाय. साथ ही यूनिवर्सिटी में मुस्लिम प्रोफ़ेसर और छात्रों की संख्या पर सवाल उठाए।
जबकि प्रिंसिपल का कहना है 28 में कुल 4 मुस्लिम है. इस बात से आहत प्रिंसिपल ने त्याग पत्र दे दिया. प्रिंसिपल का कहना है कि किताब 2014 में खरीदी गई और वो 2019 में यहां आए।
फिर गृहमंत्री के आदेश पर इंदौर के भवरकुआं थाने में 8 धाराओं में प्रिंसिपल सहित 4 पर FIR कर दी गई।
प्रिंसिपल कहते है ABVP के छात्र धर्म का सहारा लेकर प्रशासन पर फीस ना भरने और बिना पढ़े एग्जाम में पास करने के लिए दबाव बनाना चाहते है।