आगरा के रहने वाले 42 वर्षीय अमित जसवाल उन 28 आरएसएस के लोगों में से थे जिनको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ट्विटर पर फॉलो करते थे। मोदी की ऐसी दीवानगी थी कि अगर कोई एक शब्द भी मोदी के खिलाफ बोल दे तो उससे लड़ने को तैयार हो जाते थे।
अमित भले ही अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उसके व्हाट्सअप पर अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़ोटो लगी है। इतना ही नहीं अमित ने अपनी कार के पीछे भी नरेंद्र मोदी का एक बड़ा सा पोस्टर लगा रखा था जिसको की उसकी बहन ने अब फाड़ दिया है।
अमित के घर वाले उसे कभी कभी उसे ‘कट्टर मोदी भक्त’ भी कहते थे। अमित खुद को मोदी भक्त कहने पर गर्व महसूस करता था।
अमित की ये भक्ति भी उसके कुछ काम न आई। 10 दिन पहले अमित कोरोना से ग्रस्त हुआ। धीरे धीरे उसकी हालत खराब होती गयी। ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा।
आगरा में दर दर भटकने के बाद भी अमित को अस्पताल में जगह नहीं मिल पाई।
आखिरकार मथुरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां भी उसकी हालत में कुछ ज़्यादा सुधार नहीं हो पाया। डॉक्टरों ने उसके घर वालों को रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की व्यवस्था करने को कहा।
उसकी बहन ने ट्वीट कर मोदी और योगी को टैग करते हुए रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की गुहार लगाई। अमित की मोदी भक्ति और आरएसएस के नेताओं से जान पहचान के कारण घर वालों को उम्मीद थी कि शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी के तरफ से कोई मदद ज़रूर आएगी।
परंतु न ही मुख्यमंत्री योगी की तरफ से कोई मदद मिली और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तरफ से किसी ने खबर ली। 10 दिनों तक ज़िन्दगी और मौत से जंग लड़ने के बाद आखिरकार इलाज़ बगैर अमित ने दम तोड़ दिया।
मीडिया से बात करते हुए अमित की बहन ने कहा “अमित ने अपनी पूरी ज़िंदगी प्रधानमंत्री मोदी के लिए निकाल दी, मोदी ने उसके लिए क्या किया? ऐसे प्रधानमंत्री की हमें क्या ज़रूरत है? हमने अमित के कार का पोस्टर भी निकाल दिया है।