जयपुर बम ब्लास्ट के चार आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा बाइज़्ज़त बरी किए जाने के बाद राष्ट्रीय उलमा काउंसिल (RUC) ने बटला हाउस एनकाउंटर की जांच कराने की मांग की हैं।
राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल के प्रवक्ता आमिर रशादी मदनी का कहना हैं कि, बटला हाउस इनकाउंटर मामले में आजमगढ़ के बेगुनाह नौजवानों की गिरफ्तारी के फौरन बाद जयपुर ब्लास्ट के इल्जाम में में भी फ़र्ज़ी फंसाए गए आज़मगढ़ के बेगुनाह नौजवान सरवर, सैफ, सलमान, सैफुर्रहमन जिन्हें जयपुर लोअर कोर्ट ने फांसी की सज़ा दे दी थी, आज राजस्थान हाईकोर्ट ने उन सभी नौजवानों को बाइज़्ज़त बरी कर दिया हैं।
कोर्ट ने पुलिस व ATS के अधिकारियों व जांच अधिकारी के विरुद्ध सख्त टिप्पणी करते हुए सरकार को जांच कर इनके विरुद्ध कार्यवाही करने का भी आदेश दिया।
ये फैसला एक नज़ीर है और साथ ही राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल की शुरुआत से ही मांग रहीं हैं कि बटला हाउस फ़र्ज़ी इनकाउंटर था और इसमें और इसके बाद के तमाम मामलों में फंसाए गए नौजवान बेगुनाह हैं और इन्हें बली का बकरा बनाया गया है।
सवाल ये भी है कि ये सभी नौजवान प्रोफेशनली क्वालिफाइड इंजीनियर, MBA’s हैं और अपने करियर, ख्वाब और नई जिंदगी का आग़ाज़ कर रहे थे पर इन्हें इस अंजाम पे ला दिया सरकार और सिस्टम ने कि इन्हें रिहाई तो मिल गयी पर पिछले 15 साल के वक़्त, अज़ीयत, बदनामी, आंसू और नुकसान का हिसाब कौन देगा?
बटला हाउस इनकाउंटर की अगर आज जांच हो जाये तो उसका सच भी सबके सामने आ जायेगा और इसीलिए “न्यायिक जांच” की हमारी मांग जारी थी और जारी रहेगी।